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असम में बाढ़ से हालात गंभीर, राज्य भर में 100 से ज्यादा की मौत, लोगों ने सुनाई अपनी दास्तां

बाढ़ की स्थिति पर बात करते हुए कालीपद दास ने कहा कि उन्हें नहीं मालूम कि वे अपने घर में वापस कब जा पाएंगे। एक अन्य निवासी एम चौहान ने कहा कि उन्हें बाढ़ के समय कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

गुवाहटी

असम के नगांव जिले में बाढ़ की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है। वर्तमान समय में 14.39 लाख लोग इससे प्रभावित हुए हैं। राज्य में बाढ़ के कारण अबतक 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने बताया कि 20612 बच्चे समेत 79,000 लोग अभी भी नगांव के प्रभावित क्षेत्रों में रहने को मजबूर है। नगांव में बाढ़ की स्थिति पर बात करते हुए स्थानीय लोगों ने अपना अनुभव साझा किया।

स्थानीय लोगों ने बताई अपनी परेशानी 
स्थानीय निवासी रीता साहनी ने बाढ़ की स्थिति पर मीडिया से बात की। उन्होंने बताया कि वह अपने परिवार के साथ एक चोटे से टेंट में रहने को मजबूर है। वह पिछले 10 दिनों से इस टेंट में रह रही है। उन्होंने आगे कहा, “घर के भीतर अभी भी पानी भरा हुआ है। हम वहां नहीं जा सकते हैं। जब घर में पानी घुसा, तब हम घर का कोई भी समान बाहर नहीं निकाल सके। बारिश जारी है। हमें बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन की तरफ से हमें खाने का समान दिया गया। इस परिस्थिति में हम बाहर काम करने भी जा सकते हैं। हमें नहीं मालूम कि हम क्या करेंगे।”

रीता साहनी एक दिहाड़ी मजदूर के तौर पर काम करती है। बारिश और बाढ़ के कारण वह अपने काम पर भी नहीं जा पा रही है, इसे लेकर उन्होंने चिंता व्यक्त की। केवल रीता ही नहीं बल्कि कई अन्य परिवार भी इस तरह की परिस्थिति से गुजर रहे हैं।

एक अन्य निवासी एम चौहान ने कहा, “बाढ़ में खाना, बर्तन, कपड़े सबकुछ नष्ट हो गए। हमारा 15 सदस्यों का परिवार है और हम यहीं रहते हैं। बाढ़ के समय हमें समस्याओं का सामना करना पड़ता है।” बाढ़ की स्थिति पर बात करते हुए कालीपद दास ने कहा कि उन्हें नहीं मालूम कि वे अपने घर में वापस कब जा पाएंगे। बता दें कि असम के 184 गांव बाढ़ के पानी में डूब गए। 18231.8 हेक्टेयर अनाज को भी नुकसान पहुंचा है।

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