दूध की चाय को देर तक क्यों नहीं उबालना चाहिए? चाय की हर चुस्की बन जाएगी एसिड का घूंट, मत करना ये भयानक गलती
अपने घरों में हम अक्सर कड़क चाय पसंद करते हैं. इसी चक्कर में लोग काफी देर तक अपनी दूध की चाय को उबालते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं ऐसा कर आप अपनी चाय को एसिड का प्याला बना देते हैं? जानिए न्यूट्रिशनिस्ट कविता देवगन से कि आखिर चाय को कितनी देर उबालना चाहिए.
Why should milk tea not be boiled for a long time? आपके आसपास आपको चाय के चाहने वाले कई मिल जाएंगे. कई लोगों को तो चाय का इतना शौक होता है कि इस भीषण गर्मी में भी एक कप चाय तो पी ही सकते हैं. हर किसी की चाय का अपना एक स्वाद होता है. किसी को अदरक वाली चाय पसंद है तो किसी को इलायची की. किसी को ज्यादा दूध वाली तो किसी को एकदम कड़क चाय. चाहे आपको किसी भी तरह की चाय पसंद हो, लेकिन सच तो ये है कि तरीके से बनाई गई चाय आपको स्वाद के साथ-साथ सेहत की भी चुस्की देती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि दूध की चाय को जरूरत से ज्यादा उबालने से आप इसे एसिड वाली चाय बना लेते हैं? जरूरत से ज्यादा उबली हुई चाय अगर आप लंबे समय तक पीते हैं तो ये आपके शरीर के लिए एक धीमे जहर की तरह साबित हो सकती है.
ज्यादा उबालने से बर्बाद हो जाते हैं न्यूट्रिएंट्स
जानी मानी न्यूट्रिशनिस्ट और लेखिका कविता देवगन बताती हैं कि चाय एक बहुत ही अच्छा पेय है, जिससे आपको एंटीऑक्सीडेंट भी मिलते हैं. लेकिन चाय को बनाने में हम सबसे बड़ी लगती करते हैं उसे ज्यादा उबालकर जिससे ये हेल्दी ड्रिंक भी हमारे लिए जहर बन जाती है. जब आप दूध की चाय को बहुत ज्यादा उबालते हैं तो आप उसमें पाए जाने वाले सारे जरूरी एंटाएसिडेंट वगैरह को खत्म हर देते हैं. जितना ज्यादा आप दूध की चाय को उबालते हैं उतनी उसमें एसिटिक प्रोपर्टी बढ़ जाती है और वह पचाने में मुश्किल हो जाती है. ज्यादा उबली चाय आपकी स्टमक लाइनिंग में इरिटेशन पैदा करती है. इतना ही नहीं, जहां सही तरीके से बनी चाय से आपको विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट मिल सकते हैं. वहीं ज्यादा उबालने से चाय में एक्रमलाइक और टैनिन (Tannins) जैसे नुकसानदायक कपाउंड भी पैदा हो जाते हैं जो शरीर में एसिडिटी बहुत ज्यादा बढ़ा देते हैं.
इसलिए कड़वी हो जाती है आपकी चाय
बहुत ज्यादा दूध की चाय उबालने से हीट-सेंसिटिव विटामिन यानी B विटामिन खराब हो जाते हैं. दूसरा दूध की चाय ज्यादा उबालने से दूध का प्रोटीन भी खराब हो जाता है. ज्यादा उबालने से न केवल न्यूट्रिएंट्स की कमी होती है, बल्कि ये चाय पचाने में भी शरीर के लिए बहुत मुश्किल हो जाती है. ज्यादा उबालने से चाय में टैनिन (Tannins) जैसे कंपाउंड पैदा हो जाते हैं जो इस चाय के न्यूट्रिएंट्स को पचाना मुश्किल कर देते हैं और आपकी चाय को कड़वा स्वाद दे देते हैं.
कैसे बनाएं सही चाय
न्यूट्रिशनिस्ट कविता देवगन बताती हैं कि अगर आपको सही तरीके से चाय बनानी है तो आप कुछ चीजों का ध्यान रखना चाहिए. आपको पानी और दूध एक साथ मिलाकर चाय नहीं चढ़ानी चाहिए. बल्कि चाय बनाने के लिए पहले गैस पर पानी चढ़ाना चाहिए. इस पानी में अदरक इलायची डालकर आप जितना चाहें उबाल लें. फिर आप पत्ति डालें और कुछ देर उबालें. इसके बाद दूध अलग से गर्म कर के चाय में डालना चाहिए. चाय हमें दूध डालने के बाद उसे ज्यादा देर तक उबालना नहीं चाहिए. चाय में गर्म दूध डालने के बाद जैसे ही बॉइल आए, उसे उतार लेना चाहिए. ऐसी चाय कभी भी नुकसान नहीं देगी.
– चाय पीने में हम अक्सर 2 और गलतियां करते हैं जो सेहत के लिए काफी नुकसान दे सकती है. पहली गलती है इसे री-हीट करने की. कई लोगों की आदत होती है कि वो चाय के ठंडा हो जाने पर उसे दोबारा गर्म कर के पीते हैं. चाय को री-हीट करना भी आपकी चाय को ऐसेटिक बना देता है.
– दूसरी गलती है कि कई लोग सुबह-सुबह खाली पेट चाय पी लेते हैं. खाली पेट चाय पीना भी सेहत के लिए बहुत नुकसानदायक होता है. इस गलती से भी बचना चाहिए.