मामी से बेपनाह प्यार करता था युवक, जेल में भी दिन-रात यादों में खोया रहता, अब हो गया बड़ा कांड!

एक युवक जो अपनी मामी के प्यार में दीवाना था… इसी चक्कर में उसने एक बोलेरो ड्राइवर की हत्या कर दी थी जिसके बाद से वह जेल में बंद था. अब जेल से ऐसी खबर आई है जिसने न केवल परिजनों के बीच बल्कि पुलिस महकमे में भी खलबली मा दी है. आगे पूरी रिपोर्ट पढ़िये.
मोतिहारी
. मामी से बेपनाह प्यार करने में हत्यारा बने भांजे अभिषेक की जेल में संदिग्ध स्थिति में मौत हो गई. मामी के दूसरे प्रेमी संजीत की हत्या के आरोप में जेल की सलाखों के पीछे जाने वाला अभिषेक मोतिहारी सेंट्रल जेल में बंद था. पुलिस के अनुसार,, शुक्रवार की रात अचानक उसके पेट में दर्द हुआ तो आनन-फानन में जेल से उसे सदर अस्पताल पहुंचाया गया जहां कैदी वार्ड में उसे भर्ती कराया गया था. लेकिन, इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. इस मामले में परिजन पुलिस पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं.
बता दें कि बीते 27 मई की अहले सुबह हरसिद्धि थाना क्षेत्र के वार्ड नंबर 14 धनौति नदी किनारे खेत से बोलेरो ड्राइवर संजीत कुमार का शव बरामद हुआ था. शव मिलने के बाद मोतिहारी एसपी कांतेश मिश्रा ने अरेराज एसडीपीओ रंजन कुमार के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया और हत्याकांड का खुलासा करने का निर्देश दिया. घटना के महज 12 घंटे के अंदर अरेराज एसडीपीओ ने हत्याकांड का खुलासा कर दिया था. हत्या के पीछे की जो वजह सामने आई थी वह काफी चौंकाने वाली थी. मामला एक महिला से अवैध संबंध का था जिसे उसका भांजा प्यार करता था.
मोतिहारी सेंट्रल जेल में बंद था अभिषेक
महिला से अवैध संबंध के मामले में हरसिद्धि थाना क्षेत्र के उसके भांजे अभिषेक को गिरफ्तार कर लिया था. पूछताछ में हत्याकांड में अपनी संलिप्तता स्वीकार करते हुए बताया था कि उसका मामी से अवैध संबंध था और संजीत से भी. यही बात मामा को बताकर हत्या की योजना बनाई और संजीत की हत्या की थी. उनके निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त धारदार हथियार, जिस दुपट्टा से गला घोंटा गया था, वह दुपट्टा, मोबाइल आदि बरामद हुआ था. अभिषेक मोतिहारी सेंट्रल जेल में बंद था. बताया जाता है कि वह जेल में भी मामी की यादों में खोया रहता था. अब वहीं से उसकी संदिग्ध मौत की खबर आई.
परिजनों ने पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप
अभिषेक की मौत के बाद उसके परिजन ने सदर अस्पताल पहुंचकर जेल प्रशासन पर आरोप लगाया कि उसके साथ जेल में मारपीट हुई थी, इसी वजह से उसकी मौत हुई है. मृतक के चचेरे भाई शुभम कुमार ने बताया कि घटना से एक दिन पहले जेल में अभिषेक से मिलने के लिए जीजा जी के साथ घर के लोग गए थे, इस दौरान बड़े अच्छे से बात की थी. कहीं कोई दिक्कत नहीं थी. शुक्रवार की सुबह के आठ बजे सदर अस्पताल में भर्ती कराया जाता है और शाम में हमलोगों को इस बात की सूचना दी जाती है. अस्पताल जाने पर उससे मिलने नहीं दिया जाता है और जब उसकी मौत हो जाती है तब उन लोगों से मिलने दिया जाता है. कहीं न कहीं प्रशासन को अपने गलती को छुपाना था, इसी वजह से पहले नहीं बताया.
शरीर पर चोट के निशान से पुलिस का इनकार
परिजनों ने बताया कि उसके शरीर पर कई जगह चोट के निशान हैं. एसपी कांतेश मिश्रा ने बताया कि हत्या के आरोप में जेल बंद आरोपी अभिषेक को पेट में कोई परेशानी थी, अचानक उसको दर्द हुआ उसके बाद उसे सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई. इसके बाद मेडिकल बोर्ड के द्वारा मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में शव का पोस्टमार्टम कराया गया है. मृतक के शरीर पर कहीं कोई चोट के निशान नहीं थे, लेकिन मृतक के परिजन शव लेने से इनकार कर जांच की मांग कर रहे हैं.