लालच ने भ्रष्टाचार को कैंसर की तरह बढ़ाया, अदालतें कड़ी कार्रवाई करें:सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली
जस्टिस एस रवींद्र भट और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के उस आदेश को रद्द करते हुए यह टिप्पणी की, जिसमें राज्य के पूर्व प्रिंसिपल सेक्रेटरी अमन सिंह और उनकी पत्नी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप में दर्ज FIR को रद्द कर दिया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि धन के लिए अतृप्त लालच ने भ्रष्टाचार को कैंसर की तरह विकसित करने में मदद की है। संवैधानिक अदालतों का देश के लोगों के प्रति कर्तव्य है कि वे भ्रष्टाचार के प्रति शून्य सहनशीलता दिखाएं और अपराध करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें।
शीर्ष अदालत ने कहा कि धन के समान वितरण को हासिल करने का प्रयास कर भारत के लोगों के लिए सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए संविधान के ‘प्रस्तावना के वादे’ को प्राप्त करने में भ्रष्टाचार एक प्रमुख बाधा है। जस्टिस एस रवींद्र भट और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के उस आदेश को रद्द करते हुए यह टिप्पणी की, जिसमें राज्य के पूर्व प्रिंसिपल सेक्रेटरी अमन सिंह और उनकी पत्नी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप में दर्ज FIR को रद्द कर दिया गया था।
कोर्ट ने क्या-क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा, ‘यद्यपि यह भारत के लोगों को धन के समान वितरण को प्राप्त करने के लिए प्रयास करके सामाजिक न्याय को सुरक्षित करने के लिए संविधान का प्रस्तावना वादा है, यह अभी तक एक दूर का सपना है। यदि मुख्य नहीं, तो प्रगति प्राप्त करने के लिए अधिक प्रमुख बाधाओं में से एक है। यह क्षेत्र निस्संदेह ‘भ्रष्टाचार’ है।