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‘चुनावी बॉन्ड भारत ही नहीं दुनिया का सबसे बड़ा घोटाला’; कांग्रेस का दावा- सीतारमण के पति ने कही यह बात

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत सरकार की आर्थित नीतियों पर सवाल खड़े करने वाली विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने ताजा घटनाक्रम में एक वीडियो शेयर किया है। कांग्रेस का दावा है कि अर्थशास्त्री और वित्त मंत्री के पति परकाला प्रभाकर ने चुनावी बॉन्ड को इस दुनिया का सबसे बड़ा घोटाला बताया है।

नई दिल्ली

कांग्रेस इलेक्टोरल बॉन्ड के मुद्दे पर लगातार हमलावर है। ताजा घटनाक्रम में विपक्षी पार्टी ने वित्त मंत्री के पति परकाला प्रभाकर के बयान की वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर शेयर की है। कांग्रेस का दावा है कि परकाला ने चुनावी बॉन्ड को भारत ही नहीं दुनिया का सबसे बड़ा घोटाला करार दिया है। कांग्रेस का दावा है कि सीतारमण के पति ने सरकार को आइना दिखाने वाली बात कही है। कांग्रेस ने जो वीडियो अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर शेयर की है, उसमें पार्टी ने कहा है कि परकाला खुद भी एक जानेमाने अर्थशास्त्री हैं, ऐसे में इनकी बातों को सिरे से खारिज नहीं किया जा सकता।

वित्त मंत्री के पति परकला प्रभाकर ने कहां दिया बयान?
गौरतलब है कि वित्त मंत्री सीतारमण के पति ने एक मीडिया चैनल को दिए बयान में चुनावी बॉन्ड पर टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि चुनावी बॉन्ड का मुद्दा भाजपा को राजनीतिक रूप से महंगा पड़ेगा। केरल के समाचार चैनल रिपोर्टर टीवी से बात करते हुए परकला प्रभाकर ने कहा, ‘चुनावी बॉन्ड का मुद्दा आज की तुलना में कहीं अधिक गति पकड़ेगा। अब हर कोई समझ रहा है कि यह न केवल भारत का सबसे बड़ा घोटाला है, बल्कि दुनिया का सबसे बड़ा घोटाला है।’ उन्होंने कहा कि इस मुद्दे के कारण सरकार को देश के मतदाता कड़ी सजा देंगे।

किन चार दलों को मिले सबसे अधिक चंदा?
12 अप्रैल, 2019 और 15 फरवरी, 2024 के बीच चुनावी बॉन्ड से राजनीतिक दलों को कितना चंदा मिला, इसका विवरण पहले स्टेट बैंक ने चुनाव आयोग को सौंपा। इसके बाद आयोग ने इसे अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक किया। भाजपा को सबसे अधिक 6,986.5 करोड़ रुपये मिले। दूसरे नंबर पर 1,397 करोड़ रुपये के साथ पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस है। कांग्रेस को 1,334 करोड़ रुपये मिले।  ₹1,322 करोड़ के चंदे के साथ भारत राष्ट्र समिति (BRS) चौथे नंबर पर रही।

फ्यूचर गेमिंग ने भाजपा को 100 करोड़, तृणमूल को 285 करोड़ दान दिए
लॉटरी किंग सैंटियागो मार्टिन के स्वामित्व वाली कंपनी ने पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस को अक्तूबर 2022 तक करीब 285 करोड़ रुपये का दान दिया। बृहस्पतिवार को चुनाव आयोग को सौंपे गए एसबीआई के आंकड़ों से यह खुलासा हुआ। आंकड़ों के अनुसार, भाजपा को फ्यूचर गेमिंग ने 100 करोड़, जबकि वाईएसआर कांग्रेस को 150 करोड़ रुपये से अधिक रुपये दान दिए। लाभार्थियों में सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा भी शामिल है। डीएमके को उसने सबसे ज्यादा 509 करोड़ रुपये दिए थे।

रिलायंस से जुड़ी क्विक सप्लाई ने भाजपा को दिए 385 करोड़
नवी मुंबई स्थित धीरूभाई अंबानी नॉलेज सिटी (डीएकेसी) में पंजीकृत पते वाली और रिलायंस इंडस्ट्रीज से जुड़ी कंपनी क्विक सप्लाई चेन प्राइवेट लिमिटेड ने भाजपा को 395 करोड़ रुपये और शिव सेना को 25 रुपये दिए हैं। रिलायंस लिंक वाली एक अन्य कंपनी हनीवेल प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड ने भी 8 अप्रैल 2021 को 30 करोड़ रुपये के बांड खरीदे और सभी भाजपा को दे दिए। क्विक सप्लाई कंपनी ने भाजपा और शिवसेना को छोड़ किसी अन्य राजनीतिक दल को कोई पैसा नहीं दिया। क्विक सप्लाई ने 2021-22 और 2023-24 के बीच 410 करोड़ रुपये के बांड खरीदे थे। इसमें 25 करोड़ रुपये को छोड़कर बाकी सभी भाजपा को दिए। 2022 में शिवसेना को उसने 25 करोड़ रुपये दिए थे।

गौरतलब है कि पहली बार चुनाव आयोग ने 14 मार्च को इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़े आंकड़े 700 से अधिक पन्नों में सार्वजनिक किए थे। इसके एक हफ्ते बाद 21 मार्च को आयोग ने 952 पन्नों का डेटा जारी किया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में एसबीआई ने 21 मार्च को इलेक्टोरल बॉन्ड का डेटा मुहैया कराया। आयोग ने पूरी जानकारी- जिस स्थिति में मिला वैसे ही आधार पर (as is where is basis) वेबसाइट पर अपलोड कर दी है। इलेक्टोरल बॉन्ड का डेटा 900 से अधिक पन्नों में आम जनता भी देख सकती है।

यहां देखें एसबीआई की तरफ से मुहैया कराया गया 938 पन्नों का पूरा डेटा-

  • पहले डॉक्यूमेंट में चुनाव आयोग ने 552 पन्नों में बताया है कि कौन से राजनीतिक दल ने कितने रुपये का बॉन्ड कितनी तारीख को भुनाया।
  • दूसरे दस्तावेज में 386 पेज में आयोग ने बॉन्ड खरीदने वाली फर्म या शख्स का नाम सार्वजनिक किया है। इसमें बॉन्ड के सीरियल नंबर के साथ खरीदने की तारीख का भी ब्यौरा दर्ज है।

किन राजनीतिक दलों को मिले करोड़ों रुपये का चंदा
गौरतलब है कि चुनावी बॉन्ड के माध्यम से राजनीतिक दलों को दान देने वालों में ग्रासिम इंडस्ट्रीज, मेघा इंजीनियरिंग, पीरामल एंटरप्राइजेज शामिल हैं। इसमें टोरेंट पावर, भारती एयरटेल, डीएलएफ कमर्शियल डेवलपर्स, वेदांता लिमिटेड शामिल हैं। इसके अलावा सूची में चुनावी बॉन्ड के खरीदारों में अपोलो टायर्स, लक्ष्मी मित्तल, एडलवाइस, पीवीआर, केवेंटर, सुला वाइन, वेलस्पन, सन फार्मा के नाम शामिल हैं। इन बॉन्ड्स के जारिए भाजपा, कांग्रेस, अन्नाद्रमुक, बीआरएस, शिवसेना, तेदेपा, वाईएसआर कांग्रेस को धन मिला। सूची में द्रमुक, जद(एस), राकांपा, तृणमूल कांग्रेस, जद (यू), राजद, आप और सपा के भी नाम हैं।

यहां देखें पूरा डेटा
1. चुनावी बॉन्ड के खरीदारों के नाम
2. बॉन्ड भुनाने वाले राजनीतिक दल

सुप्रीम कोर्ट ने दिए थे निर्देश
दरअसल, भारतीय स्टेट बैंक ने 2018 में योजना की शुरुआत के बाद से 30 किस्तों में 16,518 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड जारी किए हैं। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई को 12 अप्रैल 2019 से खरीदे गए चुनावी बॉन्ड की जानकारी निर्वाचन आयोग को सौंपने का निर्देश दिया था। एसबीआई चुनावी बॉन्ड जारी करने के लिए अधिकृत वित्तीय संस्थान है।

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