पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज से केंद्र को मिले 26 लाख करोड़, मोदी सरकार राज्यों को शेयर देती नहीं और VAT घटाने को कह रही है,:कांग्रेस

पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज से केंद्र को मिले 26 लाख करोड़, मोदी सरकार राज्यों को शेयर देती नहीं और VAT घटाने को कह रही है, पीएम पर कांग्रेस का पलटवार…
नई दिल्लीः
पेट्रोल के दाम कलकत्ता में 99.84 रुपये हैं। इसमें सेंट्रल एक्साइज 32.90 यानि 63 फीसदी है। जबकि राज्य का टैक्स यानि वैट 19.27 रुपये है।
पीएम मोदी ने पेट्रोल डीजल की कीमतों पर राज्यों को नसीहत दी तो कांग्रेस ने पलटवार कर कहा कि केंद्र ने सेंट्रल एक्साइज से 26 लाख करोड़ रुपये की कमाई की है। क्या वो इसमें से राज्यों को कुछ दे रहे हैं। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि आप जीएसटी का हिस्सा राज्यों को समय पर नहीं देते। फिर कहते हैं कि राज्य वैट कम कर दें। उनका कहना है कि पहले वो सेंट्रल एक्साइज कम करें उसके बाद राज्यों से वैट कम करने को कहें।
उधर, कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि हरियाणा में सबसे ज्यादा तेल पर वैट लगता है। उनका कहना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल के दाम बढ़ते हैं तो हमारे यहां भी इनमें बढ़ोतरी हो जाती है। लेकिन वैश्विक बाजार में जब अनाज की कीमतें बढ़ती हैं तो किसानों को फायदा नहीं मिलता है। उनका कहना था कि केंद्र अपनी जवाबदेही से भाग रहा है।
पेट्रोल-डीजल की कीमतों की बात की जाए तो 23 मार्च को 80 पैसे प्रति लीटर दामों में बढ़ोतरी हुई। दिल्ली में इसके बाद पेट्रोल 97.01 रुपये हो गया तो डीजल की कीमत 88.27 जा पहुंची। मुंबई में पेट्रोल 111.67 रुपये है वहीं डीजल के दाम 95.85 रुपये हैं। मुंबई में तेल की कीमत देश में सर्वाधिक है।
पेट्रोल को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है। इस वजह से इस पर लगने वाला टैक्स हर राज्य में अलग-अलग है। हर दिन अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कच्चे तेल की क़ीमत बढ़ती और घटती रहती है। लिहाज़ा हर दिन इसके दाम की बदलते रहते हैं। तेल के दाम तय करने में कई कारक जिम्मेदार होते हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजारों में तेल के दाम, रिफाइनरी तक पहुंचने में लगा फ्रेट चार्ज (समुद्र के ज़रिए आने वाले सामानों पर लगने वाला कर) भी इसकी कीमत तय करता है। इसके अलावा डीलर का मुनाफा और पेट्रोल पंप तक पहुंचने में कई टैक्स जुड़ जाते हैं।
जब पेट्रोल पंप पर पहुंचता है तो यहां इस पर केंद्र सरकार की ओर से तय एक्साइज ड्यूटी जुड़ जाती है। इसके साथ ही राज्य सरकारों की ओर से वसूला जाने वाला वैल्यू ऐडेड टैक्स यानी वैट भी इसमें जुड़ जाता है। भारत में केंद्र ने भारी भरकम एक्साइज ड्यूटी तय की गई है तो राज्य भी अपनी मर्जी से वैट लगाते हैं, जिससे तेल की कीमतें आसमान पर जा पहुंची हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिय़ा की खबर के मुताबिक पेट्रोल के दाम कलकत्ता में 99.84 रुपये हैं। इसमें सेंट्रल एक्साइज 32.90 यानि 63 फीसदी है। जबकि राज्य का टैक्स यानि वैट 19.27 रुपये है। डीजल की कीमत यहां 92.27 रुपये है। इसमनें सेंट्रल एक्साइज 31.80 है। जबकि वैट 13.08 रुपये है।
He (PM Modi) earned Rs 26 lakh Cr out of central excise on petrol & diesel. Has he shared it? You didn’t give the GST share to the states on time & then you ask states to further reduce VAT. He should reduce central excise and then ask others to reduce VAT: Congress’ Pawan Khera pic.twitter.com/yjUkv00cjE
— ANI (@ANI) April 27, 2022
पेट्रोल के बेस प्राइज की बात की जाए तो 6 जुलाई को ये रकम 44.20 थी। जबकि डीजल का बेस प्राइज 45.16 था। केंद्र व राज्यों के टैक्स और फ्रेट चार्ज, डीजल का कमीशन मिलाकर ये कीमत सौ के आसपास जा पहुंची है। ऑयल कंपनी का कहना है कि जुलाई 2019 में पेंट्रोल का औसत दाम 72 से 75 रुपये था। जबकि डीजल का दाम 67 से 69 रुपये था। लेकिन बीते दो सालों में टैक्सों में बढ़ोतरी से दाम आसमान छू रहे हैं।
एनडीटीवी की खबर के अनुसार सात राज्यों में तेल की कीमत का आधे से ज्यादा हिस्सा टैक्स में वसूल किया जाता है। महाराष्ट्र में ये 52.5 है। आंध्र प्रदेश में 52.4, तेलंगाना में 51.6, राजस्थान में 50.8, मप्र में 50.6, केरल में 50.2 जबकि बिहार में 50 है।