उत्तराखंड

UCC: लिव इन रिलेशनशिप की पुलिस को देनी होगी जानकारी, मिलेगा सर्टिफिकेट; किस झूठ पर जाएंगे जेल?

Uttarakhand UCC Bill: उत्तराखंड यूसीसी में कहा गया है कि राज्य में जो पहले से बगैर शादी के साथ रह रहे हैं या लिव इन में रहने की योजना बना रहे हैं, उन्हें बाकायदे सरकार को जानकारी देनी होगी.

Uttarakhand UCC Bill: उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता कानून (UCC) लागू हो गया है. उत्तराखंड UCC में कहा गया है कि राज्य में रहने वाले सभी धर्म, लिंग, मत और समुदाय को लोगों पर एक समान पर्सनल लॉ (Personal Law) लागू होगा. हालांकि आदिवासियों को इस कानून में शामिल नहीं किया गया है. उत्तराखंड यूनिफॉर्म सिविल कोड में लिव इन रिलेशनशिप (बिना शादी के साथ रह रहे जोड़े) के लिए भी प्रावधान हैं.

UCC में लिव इन रिलेशनशिप (Live in Relationship) को ”पार्टनर्स” के तौर पर परिभाषित किया गया है. कानून में कहा गया है कि उत्तराखंड में जो पहले से बगैर शादी के साथ रह रहे हैं या लिव इन में रहने की योजना बना रहे हैं, उन्हें बाकायदे सरकार को जानकारी देनी होगी.

लिव इन रिलेशनशिप की जानकारी किसे, कहां देनी होगी?
UCC में कहा गया है कि लिव इन रिलेशनशिप (Live in Relationship) में रहने वाले जोड़ों को रजिस्ट्रार के सामने बयान देना होगा और जरूरी दस्तावेज जमा करने होंगे. इसके बाद 30 दिनों के अंदर रजिस्ट्रार जांच करेंगे. रजिस्ट्रार संबंधित रिलेशनशिप की जानकारी स्थानीय पुलिस से भी साझा करेंगे. कानून में कहा गया है कि अगर रजिस्ट्रार को लगता है तो वह लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे जोड़ों से उम्र वगैरह के सबूत के तौर पर और दस्तावेज मांग सकते हैं.

पुलिस कब परिवार को देगी सूचना?
UCC कानून में कहा गया है कि अगर स्थानीय पुलिस लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे लड़के की उम्र 21 या लड़की की 18 साल (जो भारत में शादी की कानूनी उम्र है) से कम पाती है तो उसके अभिभावकों को सूचित करेगी.

लिव इन का सर्टिफिकेट भी मिलेगा
कानून में कहा गया है कि अगर अधिकारी दस्तावेजों से संतुष्ट होते हैं तो लिव इन रिलेशनशिप की जानकारी एक रजिस्टर में दर्ज करेंगे और जोड़े को सर्टिफिकेट भी जारी करेंगे. अगर लिव इन रिलेशनशिप का सर्टिफिकेट जारी नहीं करते हैं तो उन्हें इसकी वजह बताई जाएगी. कानून में कहा गया है कि लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे लोगों में से अगर कोई एक पार्टनर शादीशुदा है या नाबालिग है या धोखाधड़ी जैसा प्रतीत होता है तो रजिस्ट्रार, रिलेशनशिप की रजिस्ट्री करने से मना कर सकते हैं.

कैसे खत्म कर सकते हैं लिव इन रिलेशनशिप?
उत्तराखंड यूसीसी में लिव इन रिलेशनशिप को खत्म करने का भी प्रावधान है. कानून में कहा गया है कि अगर लड़का या लड़की में से कोई भी पार्टनर रिश्ते को खत्म करना चाहता है तो इसके लिए रजिस्ट्रार को आवेदन दे सकता है. अपने पार्टनर और स्थानीय पुलिस को भी इसकी जानकारी देनी होगी.

झूठ बोलने या रिश्ता छिपाने पर जेल
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उत्तराखंड यूसीसी में लिव इन रिलेशनशिप छिपाने, झूठ बोलने और गलत जानकारी देने पर सजा का भी प्रावधान है. UCC में कहा गया है कि अगर लिव इन रिलेशनशिप में रह रहा कोई जोड़ा एक महीने से ज्यादा वक्त तक रिलेशनशिप में है और रजिस्ट्रार को जानकारी नहीं देता है तो उसे 3 महीने की जेल और 10000 रुपए का जुर्माना या दोनों हो सकता है. इसी तरह गलत जानकारी देने के मामले में भी 3 महीने की जेल और 10000 रुपए के जुर्माने का प्रावधान है.

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