Breaking News

मोरबी हादसा:राज्य के सभी पुलों का सर्वे कराने का आदेश, कहा-बढ़ाया जाए पीड़ित परिवारों का मुआवजा:गुजरात हाईकोर्ट

High Court Direction On Compensation: कोर्ट ने कहा कि हादसे में जान गंवाने वालों और घायलों के परिजनों को दिया गया मुआवजा कम है।

अहमदाबाद

गुजरात हाईकोर्ट (Gujarat High Court) ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि वह राज्य के सभी पुलों का सर्वेक्षण (Survey) कराए। हाईकोर्ट ने अपने निर्देश में कहा है कि सरकार इसकी अच्छी तरह जांच कर लें कि सभी पुल सही स्थिति में हैं कि नहीं, अगर नहीं हैं तो उनकी मरम्मत (Repair) कराए। कोर्ट ने सभी पुलों की सूची भी मांगी है, और यह बताने को भी कहा है कि उनमें से कितने समान स्थिति में हैं। निर्देश में कहा गया है कि रिपोर्ट प्रमाणित होनी चाहिए और इसे कोर्ट के सामने रखी जाए। अपने आदेश में पीड़ित परिवारों की मुआवजा राशि भी बढ़ाने के लिए कोर्ट ने कहा है।

सरकार की ढिलाई पर कोर्ट ने लगाई फटकार

गुजरात हाईकोर्ट (Gujarat High Court) ने मुआवजा देने के मामले में राज्य सरकार को जमकर फटकार लगाई है। कोर्ट ने पाया कि हादसे में जान गंवाने वालों के परिजनों को दिया गया मुआवजा कम है। कहा कि मुआवजा वास्तविक रूप में होना चाहिए। उचित मुआवजे का भुगतान करना समय की जरूरत है। कोर्ट ने कहा कि गंभीर रूप से घायलों को दिया जाने वाला मुआवजा भी कम है। कोर्ट ने राज्य से इस मामले में एक विस्तृत हलफनामा दायर करने और मुआवजे के लिए एक नीति बनाने को कहा।

गिरफ्तार लोगों की जमानत याचिका (Bail Petition) खारिज

इससे पहले मोरबी की एक अदालत ने पुल हादसे के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए नौ लोगों में से आठ की जमानत याचिका बुधवार को खारिज कर दी। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश पीसी जोशी ने कहा कि वह नौवें आरोपी देवांग परमार की जमानत याचिका पर बाद में आदेश पारित करेंगे।

ब्रिटिश काल का ‘झूला पुल’ 30 अक्टूबर को ढह गया था, जिसमें 135 लोगों की मौत हो गई थी। लोक अभियोजक विजय जानी ने कहा कि दीपक पारेख, दिनेश दवे, प्रकाश परमार, मनसुखभाई टोपिया, मादेवभाई सोलंकी, अल्पेशभाई गोहिल, दिलीपभाई गोहिल और मुकेशभाई चौहान की जमानत अर्जी खारिज कर दी गई है। देवांग परमार ‘देव प्रकाश फेब्रिकेशन’ के सह-मालिक हैं।

पुल के केबल पर जंग लग गई थी, एंकर पिन भी टूटे थे

गिरफ्तार किए गए लोगों में दीपक पारेख और ओरेवा समूह के तीन अन्य लोग शामिल हैं जो पुल का प्रबंधन कर रहे थे। उनकी जमानत याचिकाओं के खिलाफ बहस करते हुए, अभियोजन पक्ष ने एक फोरेंसिक लैब रिपोर्ट प्रस्तुत की थी जिसमें खुलासा किया गया था कि जिस केबल पर पूरा पुल लटका हुआ था, उसमें जंग लग गई थी। जमीन पर केबल जोड़ने वाले एंकर पिन टूट गए थे जबकि एंकर पर लगे बोल्ट तीन इंच ढीले थे।

डोनेट करें - जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर क्राइम कैप न्यूज़ को डोनेट करें.
 
Show More

Related Articles

Back to top button