आयुर्वेद के अनुसार गर्मियों में क्यों पीना चाहिए मिट्टी के घड़े में रखा पानी? जानें फायदे

,नई दिल्ली
आयुर्वेद में भी मिट्टी के बर्तनों में पानी रखने और उनमें भोजन पकाने तक के फायदे माने गए हैं। बदलते वक्त में मिट्टी के घड़े की जगह फ्रिज ने ले ली है लेकिन सेहत के लिहाज से देखा जाए, तो फ्रिज में पानी सिर्फ ठंडा होता है लेकिन मिट्टी के घड़े जितने पोषक तत्व आपको नहीं मिलते। ऐसे में कोशिश करें कि गर्मियों में फ्रिज की जगह मिट्टी के घड़े में रखे पानी को पिएं, जिससे कि न सिर्फ आप बीमारियों से बचे रह सकें बल्कि आपका डाइजेशन सिस्टम भी मजबूत हो सके।
मिट्टी के घड़े में पानी कैसे होता है ठंडा
मिट्टी के बने मटके में सूक्ष्म छिद्र होते हैं। ये छिद्र इतने सूक्ष्म होते हैं कि इन्हें नंगी आंखों से नहीं देखा जा सकता। पानी का ठंडा होना वाष्पीकरण की क्रिया पर निर्भर करता है। जितना ज्यादा वाष्पीकरण होगा, उतना ही ज्यादा पानी भी ठंडा होगा। इन सूक्ष्म छिद्रों द्वारा मटके का पानी बाहर निकलता रहता है। गर्मी के कारण पानी वाष्प बन कर उड़ जाता है। वाष्प बनने के लिए गर्मी यह मटके के पानी से लेती है। इस पूरी प्रक्रिया में मटके का तापमान कम हो जाता है और पानी ठंडा रहता है।
गले को होगा फायदा
घड़े के पानी के प्रयोग से गले को फायदा मिलता है क्योंकि इसके सेवन से गले की कोशिकाओं का तापमान अचानक नहीं गिरता है जबकि फ्रीज के पानी के सेवन से गले की कोशिकाओं का तापमान अचानक गिर जाता है।
लू से बचाव में मदद
मिट्टी के बर्तनों में रखे पानी में मौजूद विटामिन और खनिज शरीर के ग्लूकोज के स्तर को बनाए रखने में मदद करते हैं। इससे लू लगने का खतरा कम हो जाता है।
गैस की समस्या से राहत
मटके का पानी का सेवन गैस की समस्या से निजात दिलाने में मदद करता है, अगर व्यक्ति को गैस या एसिडिटी संबंधी कोई परेशानी है, तो घड़े के पानी के सेवन से फायदा होता है।
ब्लड प्रेशर
मटके का पानी ब्लड प्रेशर को भी नियंत्रित रखने में मदद करता है। खास बात यह है कि यह बैड कॉलेस्ट्रोल की मात्रा को कम करके हार्ट अटैक की संभावनाओं को भी कम करता है।
स्किन प्रॉब्लम्स से राहत मिलती है
मटके का पानी पीने से त्वचा संबंधित कई परेशानियों जैसे फोड़े, फुंसी और मुंहासे से राहत मिलती है। इतना ही नहीं मटके का पानी पीने से त्वचा में भी चमक आती है।
प्रेगनेंसी में फायदेमंद
गर्भवती को फ्रिज में रखे, बेहद ठंडे पानी को पीने की सलाह नहीं दी जाती। उनसे कहा जाता है कि वे घड़े या सुराही का पानी पिएं। इनमें रखा पानी न सिर्फ उनकी सेहत के लिए अच्छा होता है, बल्कि पानी में मिट्टी का सौंधापन बस जाने के कारण गर्भवती को बहुत अच्छा लगता है।