फूलगोभी: है तो विदेशी लेकिन भारतीयों को भाती है खूब, लिवर को करती है डिटॉक्सीफाई, वजन करती है कम
भारत में फूलगोभी बस 200 वर्ष पहले ही आई है. 1822 में लंदन के क्यू गार्डन के वनस्पतिशास्त्री डॉ. जेमिसन भारत आए तो उन्हें यूपी स्थित सहारनपुर के विशाल बगीचों के देखभाल की जिम्मेदारी मिली जहां उन्होंने इसके बीज बोए. इसमें सोडियम कार्बोहाइड्रेट फाइबर, प्रोटीन, विटामिन सी, मैग्नीशियम, पोटैशियम भी बहुतायत में…
गोभी के तीन प्रकार हैं- फूलगोभी, पत्ताागोभी और गांठगोभी. एक ही परिवार का होने के बावजूद इनके गुण अलग-अलग है. आज हम आपको फूलगोभी (Cauliflower) के बारे में बताने जा रहे हैं. अगर शरीर को फिट रखना चाहते हैं तो फूलगोभी का सेवन करें. यह बॉडी में बनने वाली विषाक्तता को बाहर (Detoxify) निकाल देती है. अगर चाहते हैं कि शरीर पर मोटापा न चढ़े तो फूलगोभी का सेवन इस काम को लगातार करेगा. इसमें पाए जाने वाले विशेष पोषक तत्व फूलगोभी को विशेष बनाते हैं.
वेज-नॉनवेज दोनों की पसंद में शुमार
फूलगोभी सर्दियों की सब्जी है, लेकिन आजकल यह बाजारों में पूरे साल नजर आती है. वैसे फूली और चमकदार फूलगोभी सर्दियों में ही दिखाई देगी और इसका स्वाद भी शानदार होगा. पूरी दुनिया के अलावा भारत की रसोई में यह खूब नजर आएगी, यह विदेशी सब्जी है और भारत में इसका आगमन अंग्रेजों के शासन के दौरान माना जाता है. लेकिन अपने गुणों के चलते यह देश की लोकप्रिय सब्जियों में शुमार की जाती है. विशेष बात यह है कि शाकाहारी लोग तो इसके दीवाने हैं ही, अपने खास स्वाद के चलते नॉनवेजिटेरियन लोगों को भी यह भाती है.
फूलगोभी के लाभकारी गुणों के बारे में हम आपको ठोस जानकारी देते हैं
1. फूलगोभी में पोषक तत्वों की भरमार है. ‘VEGETABLES’ पुस्तक के लेखक व भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. बिश्वजीत चौधरी ने इस सब्जी पर व्यापक शोध किया है. उनका कहना है कि इस सब्जी में कम कैलोरी के अलावा सोडियम कार्बोहाइड्रेट फाइबर, प्रोटीन, विटामिन सी, मैग्नीशियम, पोटैशियम पर्याप्त मात्रा में है लेकिन फैट बहुत कम है. यही पोषक तत्व शरीर को फिट रखते हैं. फूड एक्सपर्ट कहते हैं कि गोभी को पकाते वक्त इसमें अदरक-लहसुन भी डाला जाए तो इसका स्वाद तो खिल ही जाएगा, पोषक तत्वों में भी इजाफा हो जाएगा.
2. एक रिसर्च के अनुसार फूलगोभी में मौजूद मिनरल्स ब्लडप्रेशर को कंट्रोल करने में भी मदद करते है, जिससे हार्ट की फंक्शनिंग नॉर्मल रहेगी. इसमें पाया जाने वाला क्रुसिफेरस धमनियों में ब्लड का प्रवाह संतुलित रखता है.फूलगोभी का सेवन शरीर को विषाक्तमुक्त करने के भी काम आता है. जानी मानी डायटिशियन अनिता लांबा के अनुसार इस गोभी में सेकेंडरी मेटाबोलाइट्स (एक प्रकार के छोटे अणु) होते हैं, जिन्हें ग्लूकोसाइनोलेट्स कहा जाता है. यह ग्लूकोसाइनोलेट्स, लिवर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने वाले एंजाइमों को बढ़ाते हैं. लिवर ही पूरे खाने के पोषण तत्वों का ध्यान रखता है, अगर वह ठीक काम करेगा तो शरीर में विषाक्तता पैदा नहीं हो पाएगी और शरीर निर्मल व एसिड युक्त रहेगा.
3. फूलगोभी में कई गुण वजन घटाने में कारगर हैं. इसमें कैलोरी कम और फाइबर की मात्रा पर्याप्त पाई जाती है. इसका लाभ यह है कि पाचन सिस्टम ठीक रहेगा और पेट भरा-भरा महसूस होगा, जिससे भोजन की अधिक जरूरत नहीं पड़ेगी. इसका लाभ यह रहेगा कि मोटापा शरीर से दूर रहेगा. इसमें अनाज और फलियों की तुलना में कार्बोहाइड्रेट भी कम होता है, जो बॉडी को फिट रखता है. फाइबर का एक लाभ यह भी रहता है कि कब्ज की समस्या नहीं होती, आंतों की फंक्शनिंग बाधित नहीं होती और उसमें सूजन से बचाव होगा. अगर पेट का सिस्टम ठीक है तो वह शरीर को स्वस्थ रखने की गारंटी है.
4. फूलगोभी में विटामिन-के भी पाया जाता है, जो हड्डियों को मजबूती देने में मदद करता है. इस सब्जी में कुछ ऐसे बायोएक्टिव कंपाउंड पाए जाते हैं, जो हड्डियों के घनत्व (बोन डेंसिटी) में सुधार करके फ्रैक्चर के जोखिम को कम कर सकते हैं. गोभी को एंटिऑक्सीडेंट का अच्छा स्रोत माना जाता है. यह तत्व शरीर को फ्री रेडिकल्स के कारण होने वाले नुकसान से बचाता है. फ्री रेडिकल्स शरीर में मुख्य रूप से भोजन के पाचन के दौरान उत्पन्न होते हैं. ये हानिकारक अणु होते हैं, जो शरीर की अंदरूनी कोशिकाओं (Cells) को डैमेज करते हैं. इन मुक्त कणों को कंट्रोल करने का काम एंटिऑक्सीडेंट करते हैं. जानेमाने आयुर्वेदाचार्य बालकृष्ण के अनुसार फूलगोभी मधुर, उष्ण, गुरु, कफवात कम करने वाले गुणों से भरपूर है.
फूलगोभी का इतिहास और सफर
यह एक विदेशी सब्जी और भारत में इसका आगमन अंग्रेजों के राज में माना जाता है. भारतीय अमेरिकी वनस्पति विज्ञानी सुषमा नैथानी के अनुसार गोभी का उत्पत्ति स्थल मेडिटेरियन सेंटर है, जिसमें अल्जीरिया, क्रोएशिया, साइप्रस, मिस्र, इजरायल, इटली, लेबनान, मोरक्को, तुर्की आदि शामिल हैं. उनका यह भी कहना है कि चीन और दक्षिण पूर्व एशिया गोभी का मूल उत्पत्ति केंद्र है. भारत में फूलगोभी बस 200 वर्ष पहले ही आई है. अंग्रेजी काल में वर्ष 1822 में लंदन के क्यू गार्डन के वनस्पतिशास्त्री डॉ. जेमिसन भारत आए. उन्हें यूपी स्थित सहारनपुर के विशाल बगीचों के देखभाल की जिम्मेदारी मिली. वह अपने साथ कई बीज आदि लेकर आए थे. जब सर्दियों में उन्हें भारत का मौसम इंग्लैंड जैसा लगा तो उन्होंने गोभी बो दी. बस गोभी भारत की हो गई.