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पाकिस्तान में 7 महीने में भारत के 7 मोस्ट वॉन्टेड दुश्मनों का खात्मा, अब अगला नंबर किसका?

भारत में मोस्ट वांटेड घोषित किए गए कम से कम 7 आतंकवादियों की पाकिस्तान (Pakistan) में रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो चुकी है. पाकिस्‍तान को आतंकवादियों की सबसे सुरक्षित पनाहगाह माना जाता है. पाकिस्तानी सेना (Pakistan Army) और पाकिस्तानी जासूसी एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) मिलकर आतंकवादियों को हथियार देने और उनका समर्थन करने में लाखों डॉलर खर्च कर रही हैं.

नई दिल्ली.

पाकिस्तान (Pakistan) को आतंकी अपना सबसे सुरक्षित ठिकाना मानते रहे हैं. आतंकी पाकिस्‍तानी सेना (Pakistan Army) और खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) की मदद से अपनी टेरर एक्टिविटी चलाते रहे हैं, लेकिन बीते 7 महीनों में 7 बड़े आतंकियों की रहस्यमयी हत्‍याओं ने पूरा माहौल बदल कर रख दिया है. अब पाकिस्‍तानी सेना, आईएसआई और आतंकी संगठन खौफ में हैं. आतंकियों को यह डर सता रहा है कि क्‍या अगला नंबर उनका हो सकता है? बीते रविवार को आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) प्रमुख मौलाना मसूद अज़हर के करीबी सहयोगी मौलाना रहीम उल्लाह तारिक की हत्या के बाद से आतंकियों ने अपनी सुरक्षा बढ़ा ली है.

पाकिस्‍तानी मीडिया के अनुसार भारत का मोस्‍ट वांटेड आतंकी रहीम उल्‍लाह तारिक पाकिस्‍तान से अपना नेटवर्क चला रहा था. भारत विरोधी एक्टिविटी और नफरत वाले भाषणों के लिए तारिक पाकिस्तान के गरीब इलाकों की यात्रा करता था. रविवार को भी वह भारत-विरोधी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कराची की एक विशाल झुग्गी बस्ती ओरंगी टाउनशिप जा रहा था; तभी दो अज्ञात हमलावरों ने उसे गोलियों से भून दिया था, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो थी. इस घटना के पीछे जैश ए मोहम्‍मद की अंदरूनी कलह को भी एक कारण माना जा रहा है.

पाकिस्तान बिना सबूत भारत पर लगा रहा आरोप
पाकिस्‍तानी न्‍यूजपेपर डॉन की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इस घटना के लिए पाकिस्तान सरकार और उसकी सुरक्षा एजेंसियों ने बिना किसी सबूत के भारत पर आरोप लगाया था, लेकिन वह स्वीकार करने में विफल है कि पाकिस्‍तान ने अपने गठन के बाद से आतंकवादियों का समर्थन करके जो बोया है, वही काट रहा है.

पिछले सात महीनों में पाकिस्तान में मारे गए मोस्‍ट वांटेड आतंकवादियों की सूची यहां दी गई है:

6 मई- परमजीत सिंह पंजवार: भारत के मोस्ट वांटेड अपराधियों में से एक और आतंकवादी संगठन खालिस्तान कमांडो फोर्स (केसीएफ) के प्रमुख परमजीत सिंह पंजवार को अज्ञात हमलावरों ने उस समय गोली मार दी जब वह पाकिस्तान के लाहौर में टहलने के लिए निकला था. पंजवार को पाकिस्तानी सरकार की ओर से दो अंगरक्षक दिए गए थे. एक अंगरक्षक, एक हमलावर को मारने में कामयाब रहा जबकि दूसरा हमलावर गोलीबारी में घायल हो गया था.

12 सितंबर – मौलाना ज़िया-उर रहमान: लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का जिया-उर रहमान भी पंजवार की तरह ही मारा गया था. जब वह कराची के गुलिस्तान-ए-जौहर के एक पार्क में टहलने के लिए निकला था, तभी अज्ञात हमलावर आए और उनके शरीर में कई राउंड गोलियां मार दीं.

30 सितंबर – मुफ्ती कैसर फारूक: लश्कर प्रमुख हाफिज सईद के करीबी फारूक को पाकिस्तान के कराची में गोली मार दी गई.

10 अक्टूबर – शाहिद लतीफ़: पठानकोट में भारतीय वायुसेना अड्डे पर 2016 में हुए हमले का मास्टरमाइंड जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादी शाहिद लतीफ की पाकिस्तान के सियालकोट के दस्का शहर की एक मस्जिद में अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी. तीन नकाबपोश बंदूकधारी आए और आतंकवादी को उसके अंगरक्षकों की मौजूदगी में गोली मार दी. लतीफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत एक नामित आतंकवादी था और 2010 तक भारतीय जेल में बंद था.

7 नवंबर – ख्वाजा शाहिद: ख्वाजा शाहिद का बेजान और सिर कटा शरीर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में मिला था. वह जम्मू-कश्मीर के सुंजुवान में भारतीय सेना शिविर पर 2018 के आतंकवादी हमले के मास्टरमाइंडों में से एक था, जिसमें पांच भारतीय सेना के जवानों की मौत हो गई थी. मौत से पहले लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी को यातनाएं दी गई थीं. यह स्पष्ट नहीं है कि ख्वाजा शाहिद की हत्या किसने की.

10 नवंबर – अकरम गाज़ी: लश्कर के एक अन्य भर्तीकर्ता और कमांडर अकरम खान गाजी को पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बाइक सवार हमलावरों ने गोली मार दी. पाकिस्तानी कानून प्रवर्तन ने भारत पर उंगली उठाने की कोशिश की है लेकिन पाकिस्तानी समाचार मीडिया आउटलेट्स का कहना है कि आतंकवादी समूह के गुटों के भीतर अंदरूनी कलह के कारण उनकी हत्या हुई.

12 नवंबर – रहीम उल्लाह तारिक: कराची में अज्ञात हमलावरों ने जैश प्रमुख के करीबी सहयोगी की गोली मारकर हत्या कर दी.

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