’15 नवंबर तक चुनावी बॉन्ड से चंदे का विवरण दें पार्टियां’, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर आयोग

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद चुनाव आयोग ने पार्टियों से चुनावी बॉन्ड के जरिए मिले चंदे का विवरण साझा करने को कहा है। राजनीतिक दलों को 15 नवंबर तक अपना जवाब दाखिल करना होगा।
नई दिल्ली
इलेक्टोरल बॉन्ड यानी चुनावी बॉन्ड के माध्यम से चंदा पाने वाले सभी राजनीतिक दलों को इसकी डिटेल चुनाव आयोग के पास जमा करानी होगी। बता दें कि विगत 2 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से चंदे पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। पार्टियों को 30 सितंबर, 2023 तक चुनावी बॉन्ड के माध्यम से जितना धन मिला है, इसका अद्यतन डेटा सीलबंद कवर में अदालत में पेश करने का निर्देश दिया गया है। अब राजनीतिक दलों को इलेक्टोरल बॉन्ड से मिले चंदे का विवरण 15 नवंबर तक आयोग के पास जमा कराना ही होगा।
‘सुप्रीम आदेश’ के अगले ही दिन सभी दलों को भेजा गया लेटर
चुनाव आयोग ने “ऐसी सभी पार्टियों” से विवरण मांगा है, जिन्हें कभी भी चुनावी बॉन्ड के माध्यम से कोई दान मिला है। इलेक्टोरल बॉन्ड योजना की शुरुआत के बाद से मिले तमाम चंदों की डिटेल आयोग के पास जमा करानी होगी। इस संबंध में बीते 3 नवंबर को सभी राजनीतिक दलों के प्रमुखों को चुनाव आयोग की तरफ से पत्र भेजा गया।
सीलबंद लिफाफे में भेजना है चंदे का विवरण
चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों से प्रत्येक बॉन्ड खरीदने वाले दानदाताओं का विस्तृत विवरण मांगा है। ऐसे प्रत्येक बॉन्ड की राशि और प्रत्येक बॉन्ड के खिलाफ प्राप्त क्रेडिट का पूरा विवरण सीलबंद लिफाफे में साझा किया जाना है। चुनाव आयोग के पत्र में कहा गया है कि ब्योरा दो सीलबंद लिफाफे में भेजा जाना चाहिए। एक विधिवत सीलबंद लिफाफे में चंदे का ब्योरा होना चाहिए। दूसरे विधिवत सीलबंद लिफाफे में पहले लिफाफे को रखा जाएगा।