घर में मां लक्ष्मी का होगा स्थाई वास, दिवाली की रात पूजा की ये है विशेष विधि, बता रहे हैं ज्योतिषाचार्य दुर्गेश तारे
दीपावली पर मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने और घर में सदा लक्ष्मी का वास कराने के लिए दिवाली के दिन पूजा करने का विशेष नियम हैं, बता रहे हैं उज्जैन के ज्योतिषाचार्य दुर्गेश तारे..
दिवाली की रात मां लक्ष्मी की पूजा इस विशेष विधि से करने से आपका घर धन धान्य और संपदा से भर जाएगा और मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होगी.
Deepawali poojan Vidhi: दीपावली सबसे बड़े त्यौहारों में से एक है. दिवाली की रात को देश भर में धन और वैभव की दाता लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है और मां लक्ष्मी से कृपा बनाए रखने और स्थाई रूप से घर में निवास करने की प्रार्थना की जाती है. इस दिन सभी अपनी सामर्थ्य के अनुसार त्यौहार की तैयारियां करने के साथ ही लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के लिए पूजा-अर्चना करते हैं लेकिन फिर भी इस पर्व पर समय और लग्न का विशेष महत्व माना जाता है. कहा जाता है कि अगर शुभ लग्न में लक्ष्मी पूजन किया जाता है तो उसका फल शुभ और सुखकारी होता है.
वहीं अगर शुभ अशुभ का विचार किए बगैर लक्ष्मी पूजन किया जाता है तो उसका परिणाम सकारात्मक होते हुए भी फलदायी नहीं होता और जीवन संकटों से घिरा रहता है. आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि अगर आपको लक्ष्मी जी को प्रसन्न करना है और हमेशा अपने घर में धन धान्य और संपदा बनाए रखनी है तो दीपावली के दिन कैसे पूजा करनी चाहिए. यहां जानें..
उज्जैन के जाने माने ज्यौतिषाचार्य, वेद मर्मज्ञ और वास्तु विशेषज्ञ दुर्गेश तारे कहते हैं कि जिस प्रकार घर के किसी बड़े बुजुर्ग को उसकी पसंद की चीजें, सम्मान देकर उन्हें खुश किया जाता है और वे अपना आर्शीवाद देते हैं, उसी प्रकार मां लक्ष्मी की विधि विधान से पसंदीदा चीजों से पूजा कर उनको प्रसन्न किया जा सकता है. इससे उनकी कृपा मिलती है और जीवन सुख संसाधनों से भरा रहता है.
तीन तरह विराजमान हैं लक्ष्मी
दुर्गेश तारे कहते हैं कि मां लक्ष्मी 3 वाहनों पर विराजमान हैं. पहला हाथी, दूसरा कमल और तीसरा वाहन उल्लू बताया जाता है. ध्यान रहे कि जब भी लक्ष्मी जी की मूर्ति या तस्वीर लाएं तो वे गज या कमल पर आसीन होनी चाहिए. चूंकि हाथी और कमल पर विराजमान लक्ष्मी शुभ लक्ष्मी हैं. वहीं उल्लू पर विराजमान लक्ष्मी अलक्ष्मी हैं और शुभ फल देने वाली नहीं हैं. दिवाली पर पूजा करने का आशय है कि शुभ लक्ष्मी की कृपा प्राप्त हो.
ये चीजें भी हैं लक्ष्मी, दिवाली पर करें पूजा
तारे कहते हैं कि सभी लोग चाहते हैं कि लक्ष्मी जी उनके घर में सदैव रहें. इसके लिए ये चीज जानना सबसे महत्वपूर्ण है कि लक्ष्मी सिर्फ धन या पैसा नहीं है. हर वो वस्तु जो आपके कार्य को और आपको सरलता प्रदान करती है, आपका हित करती है, वह लक्ष्मी का ही स्वरूप है. यहां तक कि घर पर मौजूद माता-पिता, बहन, भाई, पर्यावरण, वाहन, रोजगार का साधन, आपके चारों तरफ मौजूद चीजें जो दिन रात काम कर रही हैं, वे सभी लक्ष्मी हैं. दीपावली के दिन इन सभी का पूजन होना चाहिए.
पूजा करते समय करें ये काम
तारे कहते हैं कि 24 घंटे में 3 लग्न बारी बारी से रहती हैं. स्थिर लग्न, चर और द्विस्वभाव लग्न. ध्यान रहे कि अगर आप कोई चीज स्थाई रूप से चाहते हैं तो हमेशा उस काम को स्थिर लग्न में शुरू करें. जैसे लक्ष्मी का सदा वास चाहते हैं तो उनकी पूजा स्थिर लग्न में करें. अगर गाड़ी, जो चलायमान है, खरीदना चाहते हैं तो चर लग्न में खरीदें. और अगर कोई ऐसा काम करना चाहते हैं जिससे आपका और समाज का भला होने वाला है तो उसे द्विस्वभाव लग्न में शुरू करें. ये सभी लग्न बारी बारी से हर दो घंटे पर बदलती रहती हैं.
लक्ष्मी के स्थाई वास के लिए करें ये काम
दुर्गेश तारे कहते हैं कि दीपावली की रात को शुभ लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए 10 प्रकार से लक्ष्मी जी का अभिवादन करना चाहिए. ये इस प्रकार है..
सबसे पहले घर में माता-पिता हैं तो उनको नमन करें
. भाई का आभार जताएं.
. बहन का अभिवादन करें.
. पति है तो पत्नी के प्रति और पत्नी है तो पति के प्रति आभार जताएं
. मित्र का अभिवादन करें.
. प्रकृति और पर्यावरण का आभार जताएं.
. वाहन का टीका करें.
. आपके यहां लोग काम करते हैं तो उनके प्रति आभारी हों और उन्हें मिठाई-उपहार दें.
. रात्रि में सही लग्न में लक्ष्मी जी का पूजन करें.
. देर रात्रि में श्रीविष्णुसहस्त्र नाम पाठ करें.
लक्ष्मी पूजन ऐसे करें…
ईश्वर की आराधना हमेशा वनस्पतियों से करनी चाहिए. इसी तरह दीपावली पर लक्ष्मी पूजन में ऋतु के अनुसार फल जैसे आंवला, बेर, अनार, सेब आदि के साथ पत्र, फूल, मिठाई में मोदक या बूंदी के लड्डू आदि को शामिल कर मंत्रोच्चार के साथ पूजन करें.
ये मुहूर्त हैं बेहद शुभ
तारे कहते हैं कि दिवाली की शाम को प्रदोष काल और वृषभ लग्न है, यह ग्रहस्थ लोगों के लिए बेहद शुभ है, ऐसे में सभी को इस लग्न में लक्ष्मी पूजन करना चाहिए. इस बार पूजा का यह शुभ लग्न शाम को 6 बजे से 8 बजे तक है. इस समय पूजा करने से शुक्र की कृपा, सुख सुविधा वैभव और विलासिता का फल प्राप्त होगा.
वहीं इसके बाद रात्रि में सिंह लग्न आएगा, लग्नाधिपति सिंह का लग्न दो घंटे का होगा. इस दौरान पूजा करना भी शुभ फलदायी है. वहीं अगर इस समय लक्ष्मी मंत्रोच्चार किया जाता है, भजन और पूजन किया जाता है तो उसका फल अक्षय रूप में प्राप्त होता है. इस समय पूजन करने से लक्ष्मी स्थिर रूप से घर में रहेंगी. यह लग्न रात्रि साढ़े 12 से ढाई बजे तक होगा, इसमें व्यापारी जरूर पूजा करें और इसी लग्न में ग्रहस्थ और व्यापारी सभी श्रीविष्णु सहस्त्रनाम का पाठ जरूर करें.