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भारत में लोकतांत्रिक व्यवस्था लगातार मजबूत हुई: राष्ट्रपति मुर्मू

राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने कहा कि लोकतंत्र में हमारी आस्था बहुत गहरी है. आजादी के बाद के 75 वर्ष के दौरान हमारे देश ने सभी चुनौतियों का सामना करते हुए लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत बनाए रखा है.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को कहा कि देश ने तमाम चुनौतियों के बावजूद लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत बनाए रखा है और यहां लोकतांत्रिक व्यवस्था लगातार मजबूत होती जा रही है, क्योंकि इसमें हमारी आस्था गहरी है. राष्ट्रपति राष्ट्रमंडल संसदीय संघ की राजस्थान शाखा द्वारा शुक्रवार को राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित “राजस्थान विधानसभा के प्रमुख संवैधानिक पदधारकों का लोकतंत्र के सुदृढ़ीकरण में योगदान” विषयक सेमिनार में संबोधित कर रही थीं.

राष्ट्रपति ने कहा, ‘भारत में लोकतांत्रिक व्यवस्था निरंतर मजबूत होती जा रही है. विश्व में सबसे अधिक विविधताओं का सफलतापूर्वक समावेश करते हुए लोकतांत्रिक पद्धतियों के साथ हमारे देश की विकास यात्रा आगे बढ़ती रही है. राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने कहा कि लोकतंत्र में हमारी आस्था बहुत गहरी है. आजादी के बाद के 75 वर्ष के दौरान हमारे देश ने सभी चुनौतियों का सामना करते हुए लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत बनाए रखा है.

राष्ट्रपति ने कहा, ‘हमारे लोकतंत्र की जीवंतता का सबसे बड़ा प्रमाण है हमारे देश में होने वाले आम चुनाव. वर्ष 2019 के आम चुनाव में 91 करोड़ मतदाताओं के लिए मतदान की व्यवस्था की गई थी. 61 करोड़ 30 लाख मतदाताओं ने 17वें लोकसभा चुनाव में मतदान करके एक नया कीर्तिमान बनाया और महिलाओं ने पुरुषों के लगभग बराबर मतदान किया.’ उन्होंने कहा कि आज दुनिया के अन्य देश भारत की चुनाव प्रणाली से ज्ञान प्राप्त कर रहे हैं.

मुर्मू ने कहा,’ हमारी लोकतान्त्रिक व्यवस्था में समाज के सभी लोगों, विशेष रूप से पिछड़े और कमजोर वर्ग के लोगों तथा महिलाओं को विशेष रूप से प्रतिनिधित्व प्रदान किया गया है. पंचायती राज व्यवस्था हमारे लोकतन्त्र में बुनियादी भूमिका निभा रही है. आज देश में 2.75 लाख से अधिक स्थानीय ग्रामीण निकायों के 31.5 लाख से अधिक निर्वाचित प्रतिनिधियों में 46 प्रतिशत महिला प्रतिनिधि हैं. यह पूरे विश्व के लिए अनुकरणीय है. पहली बार महिला सांसदों की संख्या 100 से ऊपर हो गई है. मुझे पूरा विश्वास है कि इस संख्या में और वृद्धि होगी.’

उन्होंने कहा कि भारतीय लोकतंत्र की सफलता में राजस्थान के निवासियों और यहां जन-प्रतिनिधियों की बहुत बड़ी भूमिका रही है जिसके लिए वे राजस्थान के सभी लोगों और जन-प्रतिनिधियों की सराहना करती हैं.’ राष्ट्रपति ने कहा, ‘इस राज्य के परिश्रमी और उद्यमी लोगों ने प्रतिकूल प्राकृतिक चुनौतियों के बावजूद अपनी विकास यात्रा को निरंतर आगे बढ़ाया है. मुझे विश्वास है कि राजस्थान के लोग संसदीय लोकतंत्र के मूल्यों को मजबूत बनाएंगे तथा राज्य और देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देते रहेंगे.’

उल्लेखनीय है कि इस सेमिनार का आयोजन पूर्व उपराष्ट्रपति भैरोंसिंह शेखावत शेखावत के जन्म शताब्दी समारोह के अवसर पर किया गया था. उन्हें याद करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि राजस्थान की ही नहीं बल्कि पूरे देश की राजस्थान में राजनीति में भैरोंसिंह शेखावत ने अपनी विशाल व्यक्तित्व की अमिट छाप छोड़ी है. उन्होंने राजस्थान के विकास और हमारे लोकतंत्र को मजबूत करने में अत्यंत प्रभावशाली योगदान दिया है तथा राज्य और देश की नियति को स्वरूप देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

इस अवसर पर राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि भैरोसिंह शेखावत राजनीतिक और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की शुचिता के प्रखर पैरोकार थे .शेखावत के साथ की अपनी स्मृतियों को साझा करते हुए कहा कि वे दलीय राजनीति से ऊपर उठकर हरेक दल के लोगों से आत्मीय संबंध रखते थे. उल्लेखनीय है कि इससे पहले सुबह राष्ट्रपति ने राजस्थान विधानसभा में विशेष संबोधन दिया. वे दिन में सीकर स्थित श्री खाटू श्याम जी के मंदिर में दर्शन करने गईं जहां उन्होंने देशवासियों के कल्याण और सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना की.

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