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राहुल गांधी ने पूछा- क्या पीएम और गृह मंत्रालय के पास जा रहा था पेगासस का डेटा?

नई दिल्ली,

पेगासस जासूसी मामले की जांच के लिए बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया। सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसले सुनाते हुए केंद्र सरकार पर टिप्पणी करते हुए कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर सरकार को हर बार छूट नहीं मिल सकती। जांच के लिए बनाई गई कमेटी की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के ही पूर्व जस्टिस आरवी रवींद्रन करेंगे। इस बीच पेगासस मामले को लेकर एक बार फिर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोला है।

 

राहुल गांधी ने आगे कहा, ‘पेगासस मामले देश के लोकतंत्र पर हमला है, संसद में हमले तीन सवाल उठाए थे। पेगासस को किसने खरीदा, किस-किस के फोन टैप किए गए और किन-किन पर इस मालवेयर का इस्तेमाल हुआ। पेगासस को लेकर एक लिस्ट भी सामने आई थी जिसमें चीफ जस्टिस, पूर्व प्रधानमंत्रियों, मुख्यमंत्रियों, भाजपा नेताओं व कई विपक्षी नेताओं की जासूसी पेगासस से की गई थी।’ राहुल ने आगे कहा, ‘हमें खुशी है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस गंभीर मुद्दे की जांच स्वीकार कर ली है, हम संसद में फिर इस मुद्दे को उठाएंगे। हमारी कोशिश रहेगी कि संसद में इस पर बहस हो, हालांकि मेरा यकीन है कि बीजेपी इस बहस को पसंद नहीं करेगी।’

 

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा, ‘पेगासस का इस्तेमाल मुख्यमंत्रियों, पूर्व प्रधानमंत्रियों, भाजपा के मंत्रियों सहित अन्य के खिलाफ किया गया था। क्या पीएम और एचएम पेगासस के इस्तेमाल से डेटा प्राप्त कर रहे थे? अगर चुनाव आयोग, सीईसी और विपक्षी नेताओं के फोन टैपिंग का डेटा पीएम के पास जा रहा है, तो यह एक आपराधिक कृत्य है। पेगासस ने भारतीय लोकतंत्र की जीवंतता को कुचलने का प्रयास किया।’ राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी स्वागत किया है।

 

 

 

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