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ईशान किशन के साथ ये क्या हुआ, रिकॉर्डतोड़ दोहरे शतक के बाद भी टीम से ड्रॉप; क्या करुण नायर जैसा हो जाएगा हाल?

IND vs SL 1ST ODI: किसी बैटर ने दोहरा शतक जड़ा हो, वो भी वनडे में और अगर उसे अगले ही मैच में प्लेइंग-XI में जगह ना मिले तो किसी के लिए भी इसे हजम करना मुश्किल है. लेकिन, भारतीय क्रिकेट में कुछ ऐसा ही हुआ. श्रीलंका के खिलाफ गुवाहाटी वनडे से पहले ही रोहित शर्मा ने यह कह दिया कि ईशान टीम में नहीं रहेंगे. क्योंकि हमें शुभमन गिल को मौका देना है. अब सवाल यह खड़ा हो रहा है कि कहीं ईशान का भी हाल तो करुण नायर जैसा नहीं हो जाएगा, जो टेस्ट में ट्रिपल सेंचुरी जड़ने के बाद टीम इंडिया से ऐसे बाहर हुए कि अबतक वापसी हुई ही नहीं.

नई दिल्ली.

क्रिकेट के किसी भी फॉर्मेट में दोहरा शतक लगाना आसान नहीं होता. टेस्ट में तो इस मुकाम को हासिल करने वाले बैटर की लंबी फेहरिस्त है. लेकिन वनडे में अबतक 7 बैटर ही ऐसा कर पाएं हैं और भारतीय क्रिकेट के कप्तान रोहित शर्मा इकलौते खिलाड़ी हैं, जिन्होंने एक नहीं, बल्कि 3 बार इस कारनामे को दोहराया है. पिछले महीने ही भारत के बांग्लादेश दौरे पर ईशान किशन दोहरा शतक इस एलीट लिस्ट में शामिल होने वाले 7वें बैटर बने थे. उनका दोहरा शतक बाकी से खास था. क्योंकि वो सबसे कम गेंद में इस मुकाम को हासिल करने में सफल रहे थे. इसी प्रदर्शन का उन्हें इनाम भी मिला और श्रीलंका के खिलाफ 3 वनडे की सीरीज के उन्हें भारतीय टीम में शामिल किया गया.

अब जिस बैटर ने अपने पिछले मैच में रिकॉर्डतोड़ दोहरा शतक ठोका है. वो भी अपने कप्तान की जगह मौका मिलने पर, तो अगले कुछ मुकाबलों में तो टीम में उसकी जगह पक्की मान ही ली जाती है. लेकिन श्रीलंका के खिलाफ गुवाहाटी में होने वाले पहले वनडे के प्लेइंग-XI को लेकर जब रोहित शर्मा से सवाल पूछा गया तो उन्होंने साफ कर दिया कि ईशान प्लेइंग-XI से बाहर रहेंगे. इसके लिए हिटमैन ने दलील दी कि शुभम गिल पिछले 1 साल से बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं. ऐसे में गिल को पूरा मौका देने होगा. अब गिल के मौके के कारण कहें या फिर किसी दूसरे खिलाड़ी को प्लेइंग-XI बरकरार रखने की कोशिश ने अपने पिछले वनडे में दोहरा शतक ठोकने वाले ईशान का दिल तोड़ दिया.

पिछले मैच में दोहरा शतक जड़ा, फिर भी ईशान टीम से ड्रॉप
क्रिकेट इतिहास में ऐसे कम ही वाकये हुए हैं, जब किसी बैटर ने दोहरा शतक जड़ा हो और उसे प्लेइंग-XI में जगह ना मिली हो. हाल के सालों में तो भारतीय क्रिकेट में यह दूसरा मौका है, जब किसी बैटर ने बड़ी पारी खेली और उसके अगले ही मैच में वो प्लेइंग-XI से बाहर हो गया. ईशान किशन इसका ताजा उदाहरण हैं. वनडे का सबसे तेज दोहरा शतक जड़ने के बावजूद वो गुवाहाटी में श्रीलंका के खिलाफ पहले वनडे में टीम इंडिया के प्लेइंग-XI का हिस्सा नहीं होंगे.

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करुण नायर के साथ 5 साल पहले ऐसा ही हुआ था
ऐसा ही कुछ कर्नाटक की तरफ से घरेलू क्रिकेट खेलने वाले बैटर करुण नायक के साथ कुछ साल पहले हुआ था. करुण ने इंग्लैंड के खिलाफ 2016 में हुए चेन्नई टेस्ट में तिहरा शतक ठोका था. यह उनके करियर का तीसरा टेस्ट ही था और उन्होंने नाबाद 303 रन की पारी खेली. वो सहवाग के बाद टेस्ट में तिहरा शतक जमाने वाले दूसरे भारतीय थे. लेकिन उनके साथ भी ईशान जैसा ही हुआ. इसके बाद अगले मुकाबले में उन्हें प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं मिली. उसके बाद उन्हें कुछ मौके मिले और फिर टीम से हमेशा के लिए बाहर हो गए. करुण ने 2017 में भारत के लिए आखिरी टेस्ट खेला और 5 साल बीत गए. उनकी टेस्ट टीम में वापसी ही नहीं हुई.
गिलेस्पी का तो दोहरा शतक ठोकने के बाद करियर खत्म!
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व तेज गेंदाबज जेसन गिलेस्पी के साथ भी ऐसा ही कुछ टेस्ट करियर में हुआ था. उन्होंने 2006 में बांग्लादेश दौरे पर चिटगांव में हुए टेस्ट में बतौर नाइटवॉचमैन 201 रन की पारी खेली थी. अब गेंदबाज अगर दोहरा शतक ठोके तो उसकी कीमत तो और बढ़ जाती है. लेकिन गिलेस्पी के साथ ऐसा नहीं हुआ. क्योंकि यह टेस्ट ही उनके करियर का आखिरी मैच साबित हुआ. हालांकि, उनका यह रिकॉर्ड आज तक नहीं टूटा है. यह आज भी किसी भी नाइटवॉचमैन का टेस्ट की एक पारी में सबसे बड़ा स्कोर है.

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