सरकार नोटबंदी के किसी भी उद्देश्य को हासिल करने में विफल रही है और पूछा कि इसके लिए किसे माफी मांगनी चाहिए?:कपिल सिब्बल

सरकार नोटबंदी के किसी भी लक्ष्य को हासिल करने में विफल रही, सिब्बल ने पूछा- किसे माफी मांगनी चाहिए?
राज्यसभा सदस्य और पूर्व कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने मंगलवार को दावा किया कि सरकार नोटबंदी के किसी भी उद्देश्य को हासिल करने में विफल रही है और पूछा कि इसके लिए किसे माफी मांगनी चाहिए?
नेशनल डेस्क
: राज्यसभा सदस्य और पूर्व कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने मंगलवार को दावा किया कि सरकार नोटबंदी के किसी भी उद्देश्य को हासिल करने में विफल रही है और पूछा कि इसके लिए किसे माफी मांगनी चाहिए? उच्चतम न्यायालय द्वारा 2016 के फैसले की वैधता को बरकरार रखने के एक दिन बाद सरकार पर हमला करते हुए सिब्बल ने नोटबंदी के कई उद्देश्यों को सूचीबद्ध किया और कहा कि ये सभी विफल रहे। उन्होंने ट्विटर पर पूछा, ‘‘नोटबंदी।
उच्चतम न्यायालय के बहुमत ने प्रक्रिया को सही ठहराया। नोटबंदी के उद्देश्य: काले धन पर अंकुश लगाना, कर चोरी को कम करना, नकली मुद्रा के प्रचलन को रोकना, आतंकवाद पर अंकुश लगाना, भ्रष्टाचार की समस्याओं से निपटना। सभी विफल रहे। किसे माफी मांगनी चाहिए?” मोदी सरकार के लिए एक बड़ी जीत में उच्चतम न्यायालय ने 4:1 के अनुपात से अपने फैसले में कहा कि नोटबंदी कानून के लिहाज से सिर्फ इसलिए गलत नहीं है क्योंकि इससे कुछ नागरिकों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। यह निर्णय अवैध नहीं है क्योंकि चुनौती के तहत अधिसूचना जारी करने से पहले छह महीने तक भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और केंद्र के बीच परामर्श किया गया था।”
फैसले में कहा गया है कि निर्णय लेने की प्रक्रिया न तो त्रुटिपूर्ण थी और न ही जल्दबाजी में लिया गया था तथा यह कहना ‘‘प्रासंगिक नहीं” होगा कि इससे उक्त उद्देश्यों को प्राप्त किया गया या नहीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर, 2016 को टेलीविजन पर प्रसारित अपने संबोधन में काले धन और भ्रष्टाचार से निपटने के लिए देश की 86 प्रतिशत नकदी को रातों-रात चलन से बाहर करने की घोषणा की थी। प्रधानमंत्री ने आठ नवंबर, 2016 को 500 रुपये और 1,000 रुपये के नोट को बंद करने के अपने फैसले की घोषणा करते हुए कई कारणों का हवाला दिया था।