महाराष्ट्र

‘सारे फैसले सरकार ने लिए, अब चाहते हैं कि शांति के लिए…’, भुजबल की मुलाकात पर बोले पवार

मराठा आरक्षण को लेकर जारी बात-विवाद के बीच भाजपा की तरफ से विपक्ष खासकर शरद पवार और कांग्रेस पर आरोप लगाए गए हैं, कि उनका रुख साफ नहीं है। वहीं छगन भुजबल के साथ मुलाकात के बारे में जानकारी देते हुए शरद पवार ने सरकार पर निशाना साधा है।

मुंबई

महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को लेकर राजनीतिक दलों के बीच जारी वार-पलटवार के बीच एनसीपी-एससीपी प्रमुख शरद पवार ने महाराष्ट्र के मंत्री छगन भुजबल से अपनी मुलाकात पर प्रतिक्रिया दी है। शरद पवार ने कहा, उन्होंने बारामती में कुछ अच्छे भाषण दिए थे और मेरे बारे में कुछ कहा था। फिर वे मुझसे मिलने आए, उस दिन मैं ठीक नहीं था लेकिन हमारी मुलाकात हुई।

‘आरक्षण को लेकर जरांगे और सीएम के बीच बात हुई’
शरद पवार ने आगे बताया कि, छगन भुजबल ने मुझे महाराष्ट्र के हित में बातें बताईं और चाहते थे कि मैं चर्चा के लिए आऊं…उन्होंने मुझे एक बैठक के बारे में बताया जिसमें मैं शामिल नहीं हुआ…वह बैठक सीएम ने बुलाई थी, यह आरक्षण के मुद्दे पर एक सर्वदलीय बैठक थी। वहीं मराठा आरक्षण को लेकर पैदा हुए विवाद पर एनसीपी-एससीपी प्रमुख ने कहा कि- मनोज जरांगे पाटिल ने मराठा आरक्षण पर सीएम से बात की, जब वे अनशन पर थे…मुझे उन बातचीत के बारे में पता नहीं था।

समन्वय करना सरकार की जिम्मेदारी- शरद पवार
इस मुद्दे पर मनोज जरांगे और राज्य सरकार के लोग बातचीत कर रहे हैं…लेकिन हमें नहीं पता कि वे क्या चर्चा कर रहे हैं, इसलिए, जब तक मुझे उनकी बातचीत के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं मिल जाती, हम कोई रुख कैसे अपना सकते हैं?। हमारी मुलाकात के दौरान छगन भुजबल ने मुझे कुछ कदम उठाने को कहा, अन्यथा महाराष्ट्र में कुछ समस्याएं होंगी। लेकिन मुझे लगता है कि समन्वय करना सरकार की जिम्मेदारी है। जब सभी निर्णय सरकार लेती है, हमें अलग रखकर, अब वे चाहते हैं कि हम शांति स्थापित करने के लिए हस्तक्षेप करें।

मामले में शरद पवार ने आगे बताया कि- मैंने छगन भुजबल से कहा कि राज्य सरकार ने जो भी प्रतिबद्धता जताई है, वह हमें भी स्पष्ट रूप से बताई जानी चाहिए, अगर ऐसा होता है तो हम मदद कर सकते हैं।

पूजा खेडकर विवाद पर भी बोले शरद पवार
वहीं ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर विवाद पर एनसीपी-एससीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा, इस देश में तीन राज्य अपने अच्छे प्रशासन के लिए बहुत प्रसिद्ध थे – गुजरात, बिहार और तमिलनाडु, हम भी पहले अच्छे थे। प्रशासन के साथ हमारी अच्छी बातचीत होती थी। लेकिन आजकल यह संवाद गायब है। इन दिनों केवल दिशा ही दिखाई देती है।

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