देश

सुप्रीम कोर्ट: ‘जाइए हिरासत का आनंद लीजिए…’, गुजरात में खंभे से बांधकर पीटने के आरोपी पुलिसकर्मियों को फटकार

गुजरात के पुलिसकर्मियों द्वारा साल 2022 में खेड़ा स्थित गांव में पांच लोगों को खंभे से बांधकर डंडे से पिटाई करने का मामला सामने आया था। जिसके बाद मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पहले तो ये बताएं कि पुलिस को खंभे से बांधने और मारने का अधिकार कहां से मिला।

ये कैसा अत्याचार है, पुलिस कर्मी ही लोगों को खंभे में बांधकर सार्वजनिक रूप से पीट रही है। यहां तक कि घटना का वीडियो भी बना रहे हैं। ऐसे कृत्य के बाद आप चाहते हैं कि मामले में अदालत हस्तक्षेप करे : सुप्रीम कोर्ट

 

नई दिल्ली

वर्ष 2022 में गुजरात के पुलिसकर्मियों द्वारा खेड़ा में पांच लोगों को सार्वजनिक रूप से पीटने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात पुलिस को जमकर फटकार लगाई है। कोर्ट ने सख्त तेवर दिखाते हुए कहा कि पहले हमें ये बताएं कि लोगों को बांधने और फिर डंडे से पीटने का अधिकार आपको किसने दिया।

पुलिस को किसने दिया खंभे से बांधने का अधिकार
मामले की सुनवाई कर रही पीठ ने कहा कि क्या आपके पास खंभे से बांधने और पीटने का अधिकार है। सुनवाई के दौरान जज ने कहा जाईये..हिरासत का अब आनंद लीजिए। जस्टिस मेहता ने इस दौरान अधिकारियों को भी कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि ये कैसा अत्याचार है, पुलिस कर्मी ही लोगों को खंभे में बांधकर सार्वजनिक रूप से पीट रही है। यहां तक कि घटना का वीडियो भी बना रहे हैं। ऐसे कृत्य के बाद आप चाहते हैं कि मामले में अदालत हस्तक्षेप करे।

आरोपियों पर पहले से चल रहा मुकदमा- कोर्ट
मामले में पेश वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ दवे ने अदालत को सूचित किया कि आरोपी पुलिस कर्मी पहले से ही आपराधिक मुकदमा, विभागीय कार्यवाही और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की जांच का सामना कर रहे हैं। साथ ही वकील सिद्धार्थ दवे ने कहा कि अभी सवाल इन अधिकारियों के दोषी होने के बारे में नहीं है बल्कि उच्च न्यायालय के अवमानना क्षेत्राधिकार के बारे में है।

कानून की जानकारी न होना वैध बचाव नहीं-कोर्ट
मामले में न्यायमूर्ति गवई ने पलटवार करते हुए कहा कि कानून की जानकारी न होना वैध बचाव नहीं है। प्रत्येक पुलिस अधिकारी को यह जानना चाहिए कि डीके बसु मामले में क्या कानून निर्धारित किया गया है। कानून के छात्रों के तौर पर हम डीके बसु फैसले के बारे में सुनते और पढ़ते हैं। सुनवाई के दौरान वकील देव ने कहा कि आरोपी पुलिसकर्मियों पर हाईकोर्ट के अवमानना क्षेत्राधिकार के तहत मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है।

डोनेट करें - जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर क्राइम कैप न्यूज़ को डोनेट करें.
 
Show More

Related Articles

Back to top button