राजस्थान

‘मुफ्त सौगात’ का मामला कोर्ट पहुंचने के बावजूद कल्याणकारी योजनाएं रहेंगी जारी : CM गहलोत

गहलोत ने कहा कि संविधान के मुताबिक सरकारों को लोगों के कल्याण के लिए काम करना चाहिए और असमानता को खत्म करना चाहिए.

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्टेडियम अब सभी सुविधाओं से लैस है और खिलाड़ियों से इसका लाभ उठाने का आह्वान किया.

जोधपुर: 

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को कहा कि राजनीतिक दलों द्वारा चुनाव पूर्व ‘मुफ्त सौगात’ देने के वादों का मामला उच्चतम न्यायालय में लंबित होने के बावजूद उनकी सरकार राज्य में कल्याणकारी योजनाओं को जारी रखेगी.
गहलोत ने सामाजिक सुरक्षा को अपनी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए सवाल किया कि जब प्रधानमंत्री ऐसी योजनाएं शुरू करते हैं, तो उन्हें ‘रेवड़ी’ या ‘मुफ्त सौगात’ के रूप में नहीं गिना जाता है.

गहलोत ने राजस्थान में अपनी सरकार की चिरंजीवी योजना, 50 यूनिट तक बिजली और महिलाओं को मुफ्त मोबाइल फोन दिए जाने का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘जब हम कल्याणकारी योजनाएं शुरू करते हैं, तो इन योजनाओं को प्रधानमंत्री रेवड़ी कहते हैं. उच्चतम न्यायालय में मामला लंबित है, लेकिन हमें इसकी परवाह नहीं है.”

उच्चतम न्यायालय ने 26 अगस्त को राजनीतिक दलों द्वारा चुनाव पूर्व मुफ्त सुविधाओं का वादा करने के खिलाफ याचिकाओं को तीन-न्यायाधीशों की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करने का निर्देश देते हुए कहा था कि उठाए गए मुद्दों पर ‘‘व्यापक” सुनवाई की आवश्यकता है. न्यायालय का आदेश मुफ्त सुविधाएं बनाम कल्याणकारी योजना को लेकर जारी बहस की पृष्ठभूमि में आया है. मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और विपक्षी दलों के शासन वाले राज्यों के बीच राजनीतिक घमासान शुरू हो गया.

गहलोत ने कहा कि संविधान के मुताबिक सरकारों को लोगों के कल्याण के लिए काम करना चाहिए और असमानता को खत्म करना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘पूरी दुनिया में सामाजिक सुरक्षा के लिए योजनाएं हैं और हमने भी इन योजनाओं की शुरुआत की है.”

जोधपुर के एक दिवसीय दौरे पर आए गहलोत राज्य में 512 ‘इंदिरा रसोई’ की शुरुआत के मौके पर लोगों को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि सब्सिडी प्राप्त इन दुकानों की संख्या 870 तक पहुंच गई है. साथ ही, उन्होंने कहा कि यह संख्या जल्द ही 1,000 हो जाएगी. इस मौके पर गहलोत ने ‘इंदिरा रसोई’ के कुछ संचालकों से भी बात की.

बाद में, मुख्यमंत्री बरकतुल्ला स्टेडियम में 25 करोड़ रुपये की लागत से नवीनीकरण कार्य के उद्घाटन में शामिल हुए. राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (आरसीए) और जोधपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर भी हस्ताक्षर किए गए, जिससे स्टेडियम को खेल आयोजनों के लिए आरसीए को सौंप दिया गया.

आरसीए के अध्यक्ष वैभव गहलोत ने भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) के नियमों और मानकों के अनुरूप स्टेडियम में कार्यों को पूरा करने में सहयोग के लिए सरकार का आभार व्यक्त किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि स्टेडियम अब सभी सुविधाओं से लैस है और खिलाड़ियों से इसका लाभ उठाने का आह्वान किया.

 

 

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