MLAs, MPs ने मुंह फेरा तो उद्धव ठाकरे को सदस्यों से आस, मांगे वफादारी के 50 लाख शपथ पत्र

Maharashtra Politics: खबरें थी कि सीएम एकनाथ शिंदे की तरफ से भारत निर्वाचन आयोग को पत्र लिख दिया गया है। वहीं, उद्धव ठाकरे कैंप भी आयोग में कैविएट दे चुका है और गुट ने पहले सुनवाई की बात कही है।
नई दिल्ली
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे अब शाखाओं और सदस्यों के जरिए शिवसेना को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। खबर है कि उन्होंने जिला प्रमुखों को सदस्यों की ‘वफादारी’ के लिए खास काम सौंपा है। विधायकों की बगावत के बाद हाल ही में उद्धव खेमे को लोकसभा में भी चोट लगी है। पार्टी के 18 में से 12 सांसदों ने मौजूदा सीएम एकनाथ शिंदे के लिए अपना समर्थन जता दिया है।
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, उद्धव ने शिवसेना के संविधान, संस्थापक बाल ठाकरे और मौजूदा अध्यक्ष के प्रति ‘वफादारी’ की शपथ के लिए 50 लाख सदस्यों से हलफनामा लाने के लिए जिला प्रमुखों को निर्देश दिए हैं। वहीं, पार्टी पदाधिकारियों से कुछ दिनों में वफादारी का शपथ पत्र जमा करने के लिए कहा गया है। खबर है कि सबसे पहले उप शाखा प्रमुख ठाकरे परिवार की तरफ भरोसा दिखाएंगे।
रिपोर्ट के अनुसार, सेना नेताओं का कहना है कि इसके जरिए ठाकरे, शिंदे कैंप को पार्टी संगठन पर दावा करने से रोकना चाहते हैं। पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया है कि सेना के पास करीब 36 लाख प्राथमिक सदस्य हैं, लेकिन आंकड़ा बढ़कर 50 लाख हो सकता है।
मंगलवार को हुई बैठक में उद्धव ने जिला प्रमुखों से कहा, ‘अभी वे (शिंदे कैंप) सत्ता का मजा ले रहे हैं, लेकिन जिस दिन भाजपा को लगेगा की इन लोगों की अब जरूरत नहीं है, तो इन्हें छोड़ दिया जाएगा। हमारे पास रास्ता यही है कि इस मुश्किल समय को बीतने दें। अभी के लिए हम सदस्यता और शपथ पत्र बढ़ाने की ओर ध्यान देंगे। राज्य की राजनीति में क्या हो रहा है, उसपर ध्यान न दें। लोग हमारे साथ हैं। उन्हें आपसे प्यार हैं। लोग बागियों से नाराज हैं। सेना को दोबारा बनाने का यह मौका है। एक बार हम 50 लाख शपथ का आंकड़ा पार कर लेंगे, तो हम मुंबई में मीटिंग के लिए मुलाकात करेंगे।’
ऐसे टूटी शिवसेना
फिलहाल, 12 सांसद भी शिंदे कैंप का रुख कर चुके हैं। इसके अलावा कुछ जिलों में पार्षदों ने भी पक्ष बदल लिया है। खबरें थी कि सीएम शिंदे की तरफ से भारत निर्वाचन आयोग को पत्र लिख दिया गया है। वहीं, उद्धव कैंप भी आयोग में कैविएट दे चुका है और गुट ने पहले सुनवाई की बात कही है।