दिल्ली

सुप्रीम कोर्ट ने मोहम्मद ज़ुबैर को उत्तर प्रदेश में दर्ज मामले में अंतरिम ज़मानत दी

सुप्रीम कोर्ट ने ऑल्ट न्यूज़ के सह संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर को उत्तर प्रदेश के सीतापुर में दर्ज मामले में पाँच दिनों की अंतरिम ज़मानत दे दी है.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वो सीतापुर के मजिस्ट्रेट कोर्ट के अधिकारक्षेत्र के बाहर नहीं जाएँगे और अगली सुनवाई तक वे इस विषय पर कोई नया ट्वीट नहीं कर पाएँगे.

मोहम्मद ज़ुबैर ने सुप्रीम कोर्ट में इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में ज़ुबैर के ख़िलाफ़ दर्ज एफ़आईआर को रद्द करने से इनकार कर दिया था.

उत्तर प्रदेश के सीतापुर में मोहम्मद ज़ुबैर के एक ट्वीट के कारण एफ़आईआर दर्ज की गई है, जिसमें उन्होंने हिंदू साधुओं को कथित तौर पर नफ़रत फैलाने वाला कहा था.

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गुरुवार को ही सीतापुर कोर्ट में उनकी ज़मानत याचिका पर दो घंटे बहस चली, जिसके बाद उनकी ज़मानत याचिका को ख़ारिज कर दिया गया. कोर्ट ने सीतापुर पुलिस को उनका 6 दिन का पुलिस रिमांड दिया है.

मोहम्मद ज़ुबैर को 27 जून को दिल्ली पुलिस ने गिरफ़्तार किया था. उन्हें भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए ओर 295ए के (जानबूझकर दुर्भावनापूर्ण इरादे से समुदायों के बीच सद्भाव भंग करने और धार्मिक भावनाओं को आहत करने और विद्वेषपूर्ण इरादे से धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने या करने की कोशिश) के तहत गिरफ़्तार किया गया था.

दिल्ली पुलिस का कहना था कि ट्विटर हैंडल पर मिली एक शिकायत के बाद मोहम्मद ज़ुबैर के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया था. शिकायत के अनुसार, मोहम्मद ज़ुबैर ने कथित तौर पर जानबूझकर एक धर्म के अपमान के इरादे से तस्वीर पोस्ट की थी.

इस तरह के ट्वीट को सोशल मीडिया पर अन्य लोग आगे शेयर करने लगे जिससे सद्भाव बिगड़ने और सार्वजनिक शांति भंग होने की आशंका थी. जुबैर के ख़िलाफ शिकायत 2018 के ट्वीट से संबंधित है, जिसमें उन्होंने एक तस्वीर शेयर की थी. इस मामले में भी उन्हें अदालत ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा है.

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