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‘मुझे मुख्यमंत्री ने अधीक्षक बनाया’, धौंस जमा नर्सों से गंदी हरकत करने और चेंजिंग रूम में घुसने का था आरोप; डॉक्टर को मिली क्लीन चिट

बताया जाता है कि अस्‍पताल में मीडिया के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने का आदेश भी कभी डॉक्टर मरावी जारी कर चुके हैं। इसके अलावा दीपक मरावी के पिछले कार्यकाल के दौरान हनी ट्रैप समेत कई आरोप भी लगे थे।

नई दिल्ली

भोपाल के प्रतिष्ठित हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक दीपक मरावी को एक बार फिर क्लीन चिट मिल गई है। अभी कुछ ही दिनों पहले अस्पताल की कुछ नर्सों ने डॉक्टर दीपक मरावी पर संगीन इल्जाम लगाए थे। अश्लील हरकत करने का आरोप लगाते हुए कुछ नर्सों ने इस बारे में लिखित शिकायत चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग से की थी। जिसके बाद मामले में जांच के आदेश दिये गये थे।

चेंजिंग रूम में अश्लील हरकत

नर्सों ने आरोप लगाया था कि डॉक्टर मरावी शराब के नशे में धुत होकर नाइट ड्यूटी के समय कार्यरत नर्सों के चेंजिंग रूम में बिना दरवाजा खटखटाए घुस आते हैं। आरोप था कि वह चेंजिंग रूम में अश्लील हरकतें करते हैं। नर्सों ने शिकायत में 30 मई 2022 को हुई एक घटना का भी उल्लेख किया था। उस दिन एक नर्स को ऑफिस के पास वाले कमरे में बुलाकर डॉ. मरावी ने कथित तौर पर बलात्कार करने की कोशिश भी की थी।

मुख्यमंत्री के नाम पर धौंस

आरोप यह भी था कि डॉक्टर मरावी सीएल सैंक्शन करने के बहाने या ज्वाइनिंग करने से पहले ऑफिस में बुलाकर अश्लील बातें करते हैं और छूने का प्रयास करते हैं। नर्सों द्वारा विरोध करने पर डॉ. मरावी ने कथित तौर पर कहा, ‘मेरा कुछ नहीं होने वाला, क्योंकि मुझे मुख्यमंत्री ने अधीक्षक बनाया है। मैं तेरी नौकरी खा जाऊंगा और कहीं जीने लायक नही छोडूंगा।’

शिकायत पर हुई जांच

नर्सों की तरफ से गंभीर शिकायत मिलने के बाद चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने इसकी जांच भोपाल के संभागीय आयुक्त गुलशन बामरा को दी थी। अब कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि संभागीय आयुक्त की तरफ से जांच कमेटी की रिपोर्ट में दीपक मरावी को क्लीन चिट मिल गई है।

बता दें कि यह पहला मौका नहीं है जब डॉक्टर मरावी पर कोई संगीन आरोप लगा हो और वो इन आरोपों से बेदाग निकल गये हो। इससे पहले साल 2017 में उनपर द्विअर्थी शब्दों का इस्तेमाल करने और फोटो मांगने का आरोप लगा था। साल 2020 में क्लिनिक में एक महिला से छेड़छाड़ और ब्लैकमेल करने का आरोप लगा था। लेकिन इन संगीन आरोपों के बावजूद डॉक्टर मरावी हमेशा बेदाग ही साबित हुए।

यह भी बताया जाता है कि अस्‍पताल में मीडिया के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने का आदेश भी कभी डॉक्टर मरावी जारी कर चुके हैं। इसके अलावा दीपक मरावी के पिछले कार्यकाल के दौरान हनी ट्रैप समेत कई आरोप भी लगे थे।

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