कोरोना काल में हाथ धोना तो ठीक है लेकिन सफाई की सनक कहीं कर न दे आपको बीमार

आप भी उन लोगों की लिस्ट में शामिल तो नहीं जो जरूरत से ज्यादा साफ-सफाई, घर का ताला बार-बार खोलना बंद करना या फिर चेक करना, पैसे बार-बार गिनते हैं…अगर इन सवालों के जवाब हां में हैं तो ये आपके लिए चिंत
नई दिल्ली
कोरोना की चौथी लहर से चीन परेशान है तो भारत में भी कोरोना के नए वैरिएंट XE ने लोगों के दिल में इस महामारी के लिए डर को और गहरा कर दिया है। जिसके बाद लोग एक बार फिर कोरोना से जुड़े साफ-सफाई के नियम नियमित रूप से फॉलो करने लगे हैं, जो कि कोरोना से बचाव के लिए जरूरी भी हैं। लेकिन इन सब के बीच कहीं आप भी उन लोगों की लिस्ट में शामिल तो नहीं होते जा रहे जो इन नियमों का जरूरत से ज्यादा पालन कर रहे हैं उदाहरण के लिए जरूरत से ज्यादा साफ-सफाई, घर का ताला बार-बार खोलना बंद करना या फिर चेक करना, पैसे बार-बार गिनना…अगर इन सवालों के जवाब हां में हैं तो ये आपके लिए चिंता की बात हो सकती है। क्या आप जानते हैं आप ऑब्सेसिव कंप्लसिव डिसॉर्डर (ओसीडी) नाम के मानसिक रोग का शिकार हो रहे हैं। दरअसल, कोरोना काल में ज्यादातर समय घर पर रहकर काम करने से लोगों को कई तरह के रोग घेर रहे हैं। जिसमें से एक है ऑब्सेसिव कंप्लसिव डिसॉर्डर (ओसीडी) भी है। डॉक्टरों का कहना है कि यह एक प्रकार की मानसिक बीमारी है, जिसका समय पर इलाज जरूरी है।
एम्स के मनोरोग विशेषज्ञ डॉक्टर राजकुमार श्रीनिवास की मानें तो (ओसीडी) से पीड़ित व्यक्ति के मन में हमेशा अनुचित विचार आते हैं और उसे डर की आशंकाएं होने लगती हैं।इसके साथ ही वह एक ही काम को बार बार करने या जांचने पर विवश होते हैं। दुख की बात यह है कि कई बार लोग सालों से इस समस्या से पीड़ित होते हैं , लेकिन उन्हें इसका पता ही नहीं होता है।
क्या है ऑब्सेसिव कंप्लसिव डिसॉर्डर (ओसीडी)-
जब किसी व्यक्ति को किसी काम को करने की धुन इस कदर सवार हो जाती है कि वह उसके लिए सनक बन जाए जो बाद में एक बीमारी का रूप ले लेती है उसे ओसीडी कहते हैं। दिक्कत यह है कि ज्यादातर लोग यह मानने को तैयार नहीं होते कि उन्हें ऐसी कोई समस्या है। आसान शब्दों में समझा जाए तो यह एक चिंता करने वाली बीमारी है, जिसमें पीड़ित शख्स किसी बात की जरूरत-से-ज्यादा चिंता करने लगता है। इस रोग से पीड़ित लोगों को सनक वाले ख्याल आते हैं और उनका अपने ऊपर कोई कंट्रोल नहीं रहता।
उदाहरण, यह कन्फर्म करने के लिए कि गैस बंद है या नहीं, आप 20 बार स्टोव की नॉब चेक करते हैं या फिर तब तक हाथ धोते रहते हैं, जब तक कि वह छिल न जाए। यह रोग व्यक्ति के लिए तनाव की वजह बन जाता है और इससे पीड़ित व्यक्ति अपना ज्यादा-से-ज्यादा समय अपनी सनक को पूरी करने में लगाने लगता है। हालांकि बाद में ये आदत उसके रुटीन और पारिवारिक संबंधों पर भी असर डालने लगते हैं।
ऑब्सेसिव कंप्लसिव डिसॉर्डर बीमारी के लक्षण-
1.बार-बार हाथ धोना और शरीर की दुर्गन्ध को छिपाने के लिए नहाना।
2.कपड़ों पर लगे जिप और बटन की बार-बार जांच करना।
3.लाइटों, उपकरणों या दरवाजों की बार-बार जांच करना, यह सुनिश्चित करने के लिए कि वे बंद हैं या नहीं।
4.बार-बार एक ही सवाल पूछना या एक ही बात कहना।
5.लगातार कुछ ध्वनियों, शब्दों या संख्याओं को सोचना या गिनती के साथ मानसनिक व्यस्तता।
6. ताला लगाकर 8 से 10 बार उसे खींचकर देखना
7. हर समय मन में कुछ गलत करने का ख्याल आना
ऑब्सेसिव कंप्लसिव डिसॉर्डर से बचाव-
-डॉक्टरों का मानना है कि इस रोग से बचने के लिए सबसे पहले व्यक्ति खुद को व्यस्त रखने की कोशिश करें।
– हमेशा सकारात्मक सोच अपनाएं।
– पर्याप्त नींद के साथ पौष्टिक भोजन लें।
-व्यायाम और ध्यान से ही इस समस्या से बचाव किया जा सकता है।