क्राइम

सौ हत्याएं करने वाला वो अपराधी जिसे कोर्ट ने कहा- ‘जनता का कातिल’

इटली का ऐसा अपराधी जिसने अपनी बादशाहत कायम रखने के लिए कई सौ लोगों को अपने रास्ते से हटा दिया। यहां तक कि उसने एक बच्चे को भी नहीं छोड़ा और उसे तेजाब में डुबोकर मार डाला।

नई दिल्ली

दुनिया के नक़्शे पर एक देश इटली है। आज हम आपको इटली के उस खूंखार कातिल की कहानी बताने जा रहे हैं, जिसे वहां माफिया बॉस के नाम से जाना जाता है। अक्सर आपने फिल्मों में देखा होगा कि जो बड़ा क्रिमिनल (Criminal) होता है, वह अपनी ही बादशाहत कायम रखना चाहता है। इसके लिए वह किसी भी हद तक चला जाता है। कुछ ऐसा ही है इटली का यह कुख्यात अपराधी जोवानी ब्रुस्का

इटली में सिसिली के माफिया गिरोह कोसा नोस्त्रा का अहम सदस्य ब्रुस्का (Giovanni Brusca) अपनी निर्मम वारदातों के चलते पूरी दुनिया में मशहूर है। ब्रुस्का के अपराधों में बच्चे को तेजाब में डुबोकर मारने के साथ-साथ सौ हत्याओं का संगीन जुर्म शामिल है। ब्रुस्का ने जिन लोगों को मौत के घाट उतारा, उनमें से एक देश के नामी शीर्ष अभियोजक (Chief Investigator) जोवानी फैल्कन का नाम भी दर्ज है।

ब्रुस्का ने चीफ इन्वेस्टिगेटर को बम से उड़ा दिया था: इटली में माफियाओं के ऊपर शिकंजा कसने वाले शीर्ष अभियोजक फैल्कन (Giovanni falcon) की हत्या, देश की सबसे निर्मम हत्याओं में से एक थी। बता दें कि साल 1992 में जोवानी फैल्कन अपनी पत्नी व तीन अंगरक्षकों के साथ जिस गाड़ी से जा रहे थे, उसे ब्रुस्का ने बम धमाके में उड़ा दिया था। इस निर्मम घटना को अंजाम देने के लिए ब्रुस्का ने सड़क के नीचे करीब आधा टन विस्फोटक लगा रखा था।

कोर्ट ने कहा था ‘जनता का कातिल’: बीबीसी की खबर के मुताबिक, जब ब्रुस्का ने अपने सभी अपराधों सहित अदालत में सौ हत्याओं की बात स्वीकारी तो कोर्ट ने उसे ‘जनता का कातिल’ तक कह दिया गया।

बच्चे को तेजाब में डुबोकर की थी हत्या: सनकी प्रवृति के इस अपराधी ने अपने समकालीन माफिया से बदला लेने के लिए उसके 11 साल के बेटे जुसेपे डी मैटियो को मौत के घाट उतार दिया था। रायटर्स (Reuters) की रिपोर्ट के अनुसार ब्रुस्का ने पहले बच्चे को बंधक बनाकर खूब पीटा, फिर गला घोंटकर उस बच्चे पर तेजाब उड़ेल दिया। घटना के बाद बच्चे के परिजन इतना सहम गए थे कि वह अंतिम संस्कार भी नहीं कर सके।

सजा कम कराने के लिए बन गया था सरकारी गवाह: साल 1996 में गिरफ्तार होने के बाद यह मुजरिम करीब 25 साल तक जेल में बंद रहा।लेकिन ब्रुस्का अपनी सजा कम कराने को लेकर इतना आतुर था कि वह कई मामलो में सरकारी गवाह तक बन गया था। यहां तक कि 80 व 90 के दशक में उसने जेल में बैठे-बैठे ही पुलिस के लिए मुखबिरी भी की और कई दूसरे माफियाओं व अपराधियों को भी पकड़वाने में मदद की।

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