शहद से भी मीठा बोल रहे,’PM मोदी’पे तो भरोसा ही नहीं होता’ :राकेश टिकैत

‘पीएम (नरेंद्र मोदी) ने एकदम से झटका मार दिया है। ऐसा लगता है कि वे अपने लोगों से भी बातचीत नहीं करते और सलाह नहीं लेते है। ऐसे तो सरकार बिना फंसे कहां बात मान रही, अगर मान जाए तो हमें बता दीजिएगा।” राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों की मांग है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ा दिया जाए। राकेश टिकैत ने कहा कि अभी भी आधे दामों पर किसान फलस बेच रहे हैं, तो हम क्यों आधे दामों पर अपने फसलों को बेचें। हमने तो कभी भी स्वामीनाथन कमेटी की बात ही नहीं की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीन कृषि कानून को निरस्त करने की घोषणा की किसी ने उम्मीद नहीं की थी। किसान आंदोलन में शामिल किसानों और किसान नेताओं ने भी शायद इस बात का अंदाजा नहीं लगाया था। पीएम नरेंद्र मोदी के कृषि कानून को रद्द करने के ऐलान के बाद सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या किसान आंदोलन अब खत्म हो जाएगा। पीएम मोदी के फैसले के बाद किसानों के मन में क्या चल रहा है, इसपर किसान नेता राकेश टिकैत ने बात की है। राकेश टिकैत ने एक टीवी चैनल से बात करते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) ने तीन विवादित कृषि कानून को रद्द करने की घोषणा टीवी पर की है, लेकिन अगर किसानों को कल किसी से बातचीत करनी पड़ी तो वह किससे करेंगे।
बिना बातचीत के मुद्दा कैसे हल हो जाएगा’- राकेश टिकैत राकेश टिकैत ने न्यूज चैनल ‘आजतक’ से बात करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) को इतना मीठा भी नहीं होना चाहिए। राकेश टिकैत ने कहा, ”किसान आंदोलन में लगभग 750 किसान शहीद हुए हैं, 10 हजार केस हुए हैं, बिना किसी बातचीत के ये मुद्दा हल कैसे हो जाएगा।”
पीएम मोदी तो शहद से भी ज्यादा मीठा बो रहे हैं, इतनी मीठी भाषा, हलवाई को तो ततैया भी नहीं काटता। वह ऐसे ही अपने आसपास से मक्खियों को उड़ाता रहता है। इसलिए पीएम पर भरोसा नहीं हो रहा है।
‘हमें क्या पता पीएम ने कृषि कानून क्यों वापस लिए’ क्या चुनावों को देखते हुए पीएम मोदी ने कानून वापस लेने का फैसला किया है, इसपर राकेश टिकैत ने कहा, हमें इस बारे में क्या पता, क्या वजह है। हम नहीं जानते कि क्यों वापस लिया गया है लेकिन हम चाहते हैं कि बस हमारा काम हो जाए।