दिल्ली

2047 तक दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय सिंगापुर के बराबर करना हमारा लक्ष्य : मनीष सिसोदिया

दिल्ली को देश के सबसे तेजी से बढ़ते राज्यों में से एक बताते हुए सिसोदिया ने कहा कि अरविंद केजरीवाल सरकार राजधानी में एक प्रगतिशील कारोबारी माहौल को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में पिछले 5-6 वर्षों में विकास दर 11-12 प्रतिशत रही है। देश की आबादी का केवल 1.49 प्रतिशत होने के बावजूद देश की जीडीपी में दिल्ली का योगदान 4.4 प्रतिशत है। दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय 3 लाख 54 हजार है, जो राष्ट्रीय प्रति व्यक्ति आय मानक का तीन गुना है।

केजरीवाल सरकार का विशेष फोकस स्वास्थ्य, शिक्षा और पर्यावरण पर है। अगर केंद्र सरकार सहयोग करे तो दिल्ली जल्द ही दुनिया के विकसित शहरों में गिना जाएगा। सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार के पास जमीन की कमी दिल्ली के सर्वांगीण विकास में सबसे बड़ी चुनौती है और उसे केंद्र सरकार से सहयोग की उम्मीद है।

उन्होंने कहा कि सरकार का इरादा 2047 में देश की आजादी की 100वीं वर्षगांठ तक दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय को सिंगापुर के बराबर करने का है। सिसोदिया ने सोमवार शाम केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में एक वर्चुअल मीटिंग के दौरान यह टिप्पणी की। बैठक के दौरान देश की अर्थव्यवस्था को सुधारने और राज्यों में विकास की गति तेज करने को लेकर चर्चा हुई।
सिसोदिया ने कहा कि बुनियादी ढांचे के मोर्चे पर, आम आदमी पार्टी (आप) सरकार दिल्ली में 540 किलोमीटर सड़कों को नया स्वरूप दे रही है। इन सड़कों के पुनर्निर्माण में 11,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। दिल्ली सरकार वर्तमान में इस परियोजना को अपने स्वयं के धन से वित्त पोषित कर रही है, लेकिन यह उम्मीद करती है कि केंद्र भी इसमें योगदान देगा। भारत की राजधानी दिल्ली में दुनिया भर से लोग आते हैं, यहां की सड़कों को देखकर देश की सकारात्मक धारणा बननी चाहिए।
सिसोदिया ने केंद्रीय वित्त मंत्री को यह भी बताया कि उनकी सरकार ने बढ़ते प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली इलेक्ट्रिक वाहन नीति के कार्यान्वयन सहित कई उपाय किए हैं। उन्होंने कहा कि विकसित देशों में इतनी बड़ी संख्या में ई-वाहनों को अपनाया जाता

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