संक्रमण के बाद पूर्ण टीकाकरण कराने से लंबे समय तक बनी रहती है एंटीबॉडी

वाशिंगटन
एक नए अध्ययन में सामने आया है कि कोरोना संक्रमित होने के बाद टीके की दोनों खुराक लेने वालों में एंटीबॉडी लंबे समय तक रहती है, उन लोगों की तुलना में जिन्होंने सिर्फ टीकाकरण कराया है। अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन के जर्नल में सोमवार को इस शोध का प्रकाशन हुआ है।
अध्ययन में अमेरिका के 1,960 स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों को शामिल किया गया। इन लोगों ने फाइजर बायोएनटेक या मॉडर्ना टीकों की दोनों खुराकें ली थीं। इनमें शामिल 73 लोग टीके की खुराक लेने से पहले संक्रमित हो चुके थे। इन 73 लोगों को दो समूहों में बांटा गया। एक जिन्होंने जो 90 दिनों के भीतर संक्रमित हुए थे या पहले टीके की खुराक के करीब पॉजटिव पाए गए थे।
दूसरे जो कोरोना रोधी टीके के पहले डोज के 90 दिन पूर्व संक्रमित हुए थे। इसके बाद टीके के प्रकार, आयु और लिंग के समायोजन के बाद दूसरी वैक्सीन खुराक के बाद एक, तीन और छह महीने में पहले संक्रमण वाले और बिना एंटीबॉडी स्तरों की तुलना की गई।
पहले संक्रमण वाले दो समूहों के बीच दूसरी खुराक के बाद एक और तीन महीने में एंटीबॉडी के स्तर की तुलना की गई थी। जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के फेलो एवं अध्ययन की प्रमुख लेखक डायना झोंग कहती हैं, अध्ययन में हमने पाया कि वैसी स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ता जो पहले संक्रमित हुई थी और फिर कोरोना रोधी टीके की दोनों खुराक ली उनमें सिर्फ टीकाकरण वाले लोगों की तुलना में एस वन प्रोटीन की मात्रा अधिक देखी गई, जो उच्च एंटीबॉडी स्तर विकसित करते हैं।
जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के प्रोफेसर व अध्ययन के वरिष्ठ लेखक आरोन मिलस्टोन ने कहा, इस शोध से पता चलता है कि संक्रमण और पहली टीका खुराक के बीच एक लंबा अंतराल एंटीबॉडी प्रतिक्रिया को बढ़ा सकता है।