कच्चा प्याज खाने के शौकीन हैं ,तो बन सकते हैं साल्मोनेला के शिकार, जानें कारण, लक्षण और बचाव के उपाय

क्या है साल्मोनेला?
साल्मोनेला बैक्टिरिया के ग्रुप का नाम है, जो आपकी आंतों को प्रभावित करती है। यह एक प्रकार का बैक्टीरिया है, जो भोजन से जुड़ी बीमारियों का कारण बनता है। इस बैक्टीरिया से दूषित खाद्य पदार्थ खाने से व्यक्ति की आंतें बुरी तरह से प्रभावित होती हैं, जिससे पेट से संबंधित समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है।बैक्टीरिया की वजह से होने वाली बीमारियों को साल्मोनेलोसिस कहा जाता है।
What is Salmonella Bacteria
अगर आप भी कच्चा प्याज खाने के शौकीन हैं और सलाद में खीरा, टमाटर के साथ प्याज काटना बिल्कुल नहीं भूलते तो अगली बार ऐसा करने से पहले थोड़ा सतर्क हो जाएं। जी हां, दरअसल, अमेरिका में इन दिनों साल्मोनेला के कीटाणु से होने वाले रोगों का खतरा बढ़ गया है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (CDC ) ने इसके लिए कच्ची प्याज में पाए जाने वाले साल्मोनेला को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि लाल, सफेद और पीले रंग की प्याज इस प्रकोप के लिए दोषी है। आइए जानते हैं आखिर क्या है साल्मोनेला, इसके लक्षण,बचाव के उपाय और यह कैसे आपके शरीर को नुकसान पहुंचाता है।
कैसे फैलता है साल्मोनेला संक्रमण-
सैल्मोनेला बैक्टीरिया के संक्रमण आमतौर पर संक्रमित जानवरों के से दूसरे जानवरों में फैलता है।
बात अगर मनुष्यों की करें तो उनमें यह कच्चा मांस, अंडा या उससे बनी चीजें, बीफ या उससे बनी चीजों से फैलता है।
छोटे बच्चों और बुजुर्गों को इस बैक्टीरिया से अधिक खतरा रहता है। मनुष्य सैल्मोनेला से दूषित पानी या भोजन लेने पर भी इस बैक्टीरिया से संक्रमित हो सकते हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, वॉशरूम का उपयोग करने या बेबी डायपर बदलने के बाद ठीक से हाथ न धाने से भी साल्मोनेला संक्रमण फैल सकता है।
अनपाश्चुराइज्ड दूध और डेयरी प्रोडक्ट के अलावा सॉफ्ट चीज, आइस्क्रीम और छाछ भी सैल्मोनेला का कारण बन सकते हैं।
साल्मोनेला बैक्टीरिया के लक्षण-
साल्मोनेला बैक्टीरिया के लक्षण कुछ घंटे या फिर 2 से 3 दिन के भीतर नजर आ सकते हैं। इसमें व्यक्ति को पेट में दर्द, मतली, उल्टी, दस्त, बुखार, ठंड लगना, सिरदर्द , मल में खून आना शामिल है।
साल्मोनेला बैक्टीरिया का इलाज-
साल्मोनेला बैक्टीरिया में उलटी और डायरिया की वजह से शरीर में पानी की कमी हो जाती है। यही वजह है कि इस इन्फेक्शन से पीड़ित रोगी को ग्लूकोज़ चढ़ाने के साथ तरल पदार्थ और इलेकट्रोलाइट दिए जाते हैं। इसके अलावा अगर यह साल्मोनेला बैक्टीरिया व्यक्ति के रक्त में पहुंच जाता है वो व्यक्ति की रोग प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है। जिसके बचाव के लिए डॉक्टर रोगी को एंटीबायोटिक दवाएं देते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि खाद्य पदार्थों का सेवन करने से पहले अगर उन्हें अच्छी तरह से धो लिया जाए तो इस तरह के संक्रमण के खतरे को कम किया जा सकता है।