पोस्ट कोविड सिंड्रोम: कोरोना नेगेटिव हो चुके कुछ लोगों की नर्व सेल से हो रहे प्रोटीन गायब, वेज और नॉनवेज का स्वाद लग रहा है एक जैसा

कानपुर
कोविड संक्रमण के छह महीने बाद स्वाद का अहसास तो होने लगा पर वेज-नॉनवेज और आलू-पनीर के टेस्ट में फर्क महसूस नहीं कर पा रहे। कुछ तरह की गंध तो मिल रही हैं मगर गुलाब और फरफ्यूम की खुशबू नहीं मिल रही। मेडिकल कॉलेज और प्राइवेट अस्पतालों के ईएनटी विशेषज्ञों के पास अब ऐसे केस आ रहे हैं।
डॉक्टरों का कहना है कि यह उन्हीं मरीजों में मिल रहा है जो लंबे समय तक आईसीयू में रहे। स्टेरॉयड की दवाएं काफी समय तक चलीं। नाक-कान, गला रोग विशेषज्ञ प्रो. रोहित मेहरोत्रा के मुताबिक कुछ मरीजों में स्वाद और गंध की समस्या चार से छह महीने और रह सकती है। हालांकि यह ठीक होने वाली बीमारी है कई लोग सही भी हो चुके हैं।
10 फीसदी ऐसे लोग हो सकते हैं जिनमें यह बीमारी जीवनकाल तक बनी रहना संभव है। हालांकि अभी कुछ कह पाना संभव नहीं है। उनके मुताबिक सप्ताह में एक-दो केस इस तरह के आ रहे हैं जो स्वाद और गंध की समस्या से अभी भी जूझ रहे हैं। दिक्कत इस बात की है कि एक ही तरह की गंध का अहसास हो रहा है। इसी तरह स्वाद में भी है कुछ स्वाद मिल रहे हैं तो कुछ बिल्कुल नहीं मिल रहे हैं। एक तरह से मरीज स्वाद को लेकर कंफ्यूज हैं।
एसीई-2 प्रोटीन नहीं मिल रहा
विशेषज्ञों का कहना है कि दरअसल कोरोना संक्रमण नाक की नर्व कोशिकाओं में सबसे पहल होता है और वायरस यहीं खोह बना लेता है। इससे स्वाद और गंध का अहसास दिलाने वाली कोशिकाएं खत्म हो जाती हैं। उन कोशिकाओं के पुनर्जीवित होने की एक प्रक्रिया है और उसमें समय लग सकता है।