दिल्ली दंगा: अदालत के आदेश का पालन न करने पर जांच अधिकारी पर 5000 रुपये जुर्माना

नई दिल्ली
अदालत ने मामलों में बार-बार चेतावनी देने के बावजूद सरकारी वकीलों व जांच अधिकारियों के रवैये में बदलाव न आने पर गहरी नाराजगी जताई और पुलिस आयुक्त को मामले की जांच करवाने व जुर्माने की राशि जिम्मेदार अधिकारी के वेतन से काटने का निर्देश दिया है।
अदालत ने दिल्ली दंगों से संबंधित मामलों में बार-बार चेतावनी देने के बावजूद सरकारी वकीलों व जांच अधिकारियों के रवैये में बदलाव न आने पर गहरी नाराजगी जताई है। अदालत ने ऐसे ही एक मामले में अदालत के आदेश का पालन न करने व बार-बार सुनवाई स्थगित करने के आग्रह पर जांच अधिकारी पर पांच हजार रुपये जुर्माना कर दिया। अदालत ने पुलिस आयुक्त को उक्त अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अरुण कुमार गर्ग ने जुर्माने की राशि प्रधानमंत्री राहत कोष में जमा करवाने का निर्देश दिया है। अदालत ने कहा आमतौर पर देखा गया है कि मामलों की सुनवाई के लिए नियुक्त विशेष अभियोजन अधिकारी व जांच अधिकारी तय तारीखों पर मामलों में पेश नहीं होते। जब वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के ध्यान में मामला लाया जाता है तो भी वे बिना फाइलों का निरीक्षण किए पेश हो जाते है और अदालत द्वारा पारित निर्देशों के अनुपालन के लिए बहुत ही आकस्मिक तरीके से स्थगन की मांग करते हैं।
अदालत ने कहा भले ही जांच अधिकारी व एसपीपी के इस तरह के आचरण को एसएचओ, एसीपी, डीसीपी (एनई) और पुलिस आयुक्त, दिल्ली सहित वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के ध्यान में पहले ही लाया जा चुका है, हालांकि वे यह सुनिश्चित करने में विफल रहे हैं कि ऐसी घटनाएं पुन: न हों।
इस साल अप्रैल में दिया था आदेश नहीं हुआ अनुपालन
अदालत थाना दयालपुर में दर्ज एक मामले में सुनवाई कर रही है। अदालत ने जांच अधिकारी को 12 अप्रैल 2021 के आदेश के अनुपालन में कोमल मिश्रा नाम के आरोपी को ई-चालान की प्रति प्रदान करने का निर्देश दिया था। सुनवाई के दौरान पाया गया कि ई-चालान की प्रति आरोपी को नहीं दी गई और जांच अधिकारी ने कहा कि उसे इस आदेश की जानकारी नहीं है। उन्होंने अदालत से इस मामले में समय प्रदान करने का आग्रह किया।
अदालत ने कहा यह गंभीर मामला है। अदालत ने जांच अधिकारी पर पांच हजार रुपये का जुर्माना करते हुए आदेश का पालन करने के लिए समय प्रदान कर दिया। अदालत ने उसे दो दिन में चालान की प्रति आरोपी को देने का निर्देश दिया है।
पुलिस आयुक्त को दिया ये आदेश
इतना ही नहीं अदालत ने पुलिस आयुक्त को पूरे मामले की जांच करवाने व जुर्माने की राशि जिम्मेदार अधिकारी के वेतन से काटने का निर्देश दिया है। अदालत ने कहा कि इस जुर्माने का बोझ सरकारी खजाने पर नहीं पड़ना चाहिए ऐसे में पुलिस आयुक्त मामले की जांच करा चार सप्ताह के भीतर इस अदालत को सूचित करे कि जिम्मेदार अधिकारी के वेतन से उपरोक्त जुर्माने की राशि काटी गई है।
अदालत ने हाल ही में दिल्ली दंगों के मामलों में पुलिस व विशेष अभियोजन अधिकारियों के इसी प्रकार के रवैये पर कड़ी फटकार लगाई थी। अदालत ने पुलिस आयुक्त को निर्देश दिया था कि वे अदालत द्वारा बताए गए मुद्दों पर व्यक्तिगत रूप से विचार करें और यह भी सुनिश्चित करें कि दंगों के मामलों पर अभियोजन प्रभावी ढंग से किया जाए। अदालत ने साथ ही चेतावनी दी थी कि विषय में इस प्रकार का मामला प्रकाश में आने के बाद अधिकारियों पर जुर्माना लगाया जाएगा।