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आईआईटी वैज्ञानिक का दावा,इम्यूनिटी कमजोर होने पर घातक हो सकता है ओमीक्रोन

इम्यूनिटी कमजोर होने पर घातक हो सकता है ओमीक्रोन। बढ़ी हुई संक्रामकता (इंफेक्टिविटी) के कारण यह फिलहाल बहुत तेजी से नहीं फैल रहा है, इसलिए कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने के साथ इम्यूनिटी को मजबूत रखना जरूरी है। आईआईटी कानपुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक व पद्मश्री प्रो. मणींद्र अग्रवाल ने अपने गणितीय मॉडल सूत्र के आधार पर गणना कर यह स्टडी जारी की है।

प्रो. अग्रवाल ने डेनमार्क, ब्रिटेन और दक्षिण अफ्रीका में फैले ओमीक्रोन वैरिएंट के आंकड़ों के आधार पर अध्ययन किया है। उनके मुताबिक यूके में इम्यूनिटी कमजोर होने के कारण ओमीक्रोन खतरनाक हो रहा है जबकि साउथ अफ्रीका में अच्छी इम्यूनिटी के कारण खतरा कम हुआ।

प्रो. अग्रवाल ने कोरोना की पहली व दूसरी लहर में गणितीय मॉडल सूत्र के आधार पर स्टडी जारी की थी और पीक के बारे में जानकारी दी थी, जो काफी हद तक सही साबित हुआ था। उन्होंने कहा कि ओमीक्रोन से बचाव के लिए मास्क व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन अनिवार्य है।

साथ ही, जिन लोगों ने वैक्सीन नहीं लगवाई है, वे लगवा लें। इस वैरिएंट में इम्यूनिटी कमजोर या जिनकी नेचुरल इम्यूनिटी नहीं बनी है, उन पर अधिक खतरा होगा। उन्होंने कहा कि स्टडी से पता चला है कि जिन देशों में नेचुरल इम्यूनिटी है, वहां ओमीक्रोन की चपेट में आए मरीज को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत कम पड़ी।
कहा कि ओमीक्रोन के खतरे को टाला नहीं जा सकता। इससे बचने के लिए सचेत रहने की जरूरत है। उन्होंने फिर दावा किया कि जनवरी में देश में तीसरी लहर आने की आशंका है और इसका पीक फरवरी में आ सकता है।

 

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