‘आरएसएस की 100 साल की नफरत का नतीजा…’, सीजेआई गवई पर हमले की कोशिश को लेकर बोले मणिकम टैगोर

सुप्रीम कोर्ट में एक वकील ने सीजेआई बीआर गवई पर हमले की कोशिश की, लेकिन सुरक्षा कर्मियों ने तुरंत हस्तक्षेप कर उसे रोक लिया। कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने इस घटना को लेकर आरएसएस पर निशाना साधा और कहा कि यह उसकी 100 साल की नफरत का परिणाम है।
नई दिल्ली
कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने सोमवार को भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) बीआर गवई पर हमले की कोशिश को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की नफरत का नतीजा बताया और कहा कि इससे संस्थाओं के प्रति सम्मान कमजोर हो रहा है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट साझा करते हुए सीजेआई की शांत और अडिग प्रतिक्रिया की सराहना भी की।
आरएसएस पर हमला बोलते हुए उन्होंने आगे लिखा, लेकिन सच्चाई यह है कि यह केवल एक व्यक्ति का पागलपन नहीं है। यह आरएसएस की 100 साल की नफरत का नतीजा है, जिसने लोगों की सोच को नुकसान पहुंचाया है और संस्थाओं के प्रति सम्मान को कमजोर किया है। उन्होंने अपनी पोस्ट में आगे लिखा, जब नफरत सामान्य हो जाती है, तो न्याय करना खतरनाक हो जाता है। अब वक्त है कि भारत अफरा-तफरी की जगह शांति, नफरत की जगह इंसानियत को चुने।
क्या हुई पूरी घटना?
यह घटना उस समय हुई, जब एक वकील सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय के कोर्ट रूम नंबर एक में घुसा और उसने सीजेआई पर कोई वस्तु फेंकने की कोशिश की, जिसका इरादा उन पर हमला करने का था। हालांकि, वहां मौजूद सुरक्षा कर्मियों ने तुरंत दखल देकर उसे बाहर निकाल दिया। फिलहाल, उस हमलावर से पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, जब उस व्यक्ति को बाहर ले जाया जा रहा था, तब उसने कहा, ‘सनातन का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान।’