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राम मंदिर : प्राण प्रतिष्ठा के लिए पीएम के 11 दिनों तक व्रत रखने पर कांग्रेस ने जताया संदेह, मोईली ये बोले

राम मंदिर : कांग्रेस नेता और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री वीरप्पा मोइली ने इस दावे पर संदेह जताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह से पहले 11 दिनों तक उपवास रखा। उन्होंने कहा कि आज सुबह की सैर के दौरान मेरे साथ गए एक डॉक्टर ने कहा कि भोजन के बिना किसी के लिए भी 11 दिन जीवित रहना संभव नहीं है।

नई दिल्ली

कर्नाटक कांग्रेस ने अयोध्या में राम मंदिर भूमि पूजन समारोह को ”राजनीतिक कार्यक्रम” करार दिया और प्राण प्रतिष्ठा से पहले 11 दिनों तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्रत रखने पर संदेह जताया। कांग्रेस नेता और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री वीरप्पा मोइली ने इस दावे पर संदेह जताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह से पहले 11 दिनों तक उपवास रखा। उन्होंने कहा, ”आज सुबह की सैर के दौरान मेरे साथ गए एक डॉक्टर ने कहा कि भोजन के बिना किसी के लिए भी 11 दिन जीवित रहना संभव नहीं है। अगर कोई बच गया है तो यह चमत्कार है। इसलिए यह संदेह है कि उन्होंने (मोदी) उपवास रखा। मोईली ने चिक्कबल्लापुरा में मीडिया से ये बातें कही।

मोईली ने कहा, ‘अगर उन्होंने (मोदी) व्रत रखे बिना मंदिर के गर्भगृह में पूजा की होती तो वह स्थान अशुद्ध हो जाता और (अलौकिक) शक्ति उत्पन्न नहीं करता। वह (मोदी) कहते हैं कि उन्होंने 11 दिन तक उपवास रखा और केवल नारियल पर जीवित रहे। उसके चेहरे पर थकान के कोई निशान नहीं थे। ऐसे में मैं नहीं बल्कि लोग सवाल कर रहे हैं कि उन्होंने अनशन किया या नहीं।  मोईली ने कहा कि वे यह जानने के लिए उत्सुक हैं कि राम मंदिर मुद्दे के समापन के बाद भाजपा का क्या एजेंडा होगा? उन्होंने कहा, ”वे (भाजपा) पिछले 25 साल में विभिन्न राज्यों में यह कहकर सत्ता में आए कि वे राम की प्रतिमा स्थापित करेंगे। अब मंदिर बनकर तैयार है। अब आगे क्या होगा?”

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने संवाददाताओं से कहा कि वह उत्तर प्रदेश में नवनिर्मित अयोध्या मंदिर में स्थापित भाजपा के राम की नहीं बल्कि महात्मा गांधी के राम की पूजा करते हैं।  यह पूछे जाने पर कि क्या अयोध्या में तीन करोड़ तीर्थयात्रियों को भेजने की उनकी भी भाजपा जैसी योजना है, सिद्धारमैया ने आश्चर्य जताया कि क्या कर्नाटक के मंदिरों में राम नहीं हैं?  क्या कर्नाटक के गांवों में राम मंदिर सच्चे राम मंदिर नहीं हैं? क्या वहां की मूर्तियां श्रीरामचंद्र, सीता, लक्ष्मण और अंजनेय की नहीं हैं? भाजपा अयोध्या में राम मंदिर के इर्द-गिर्द राजनीति कर रही है। हमारी आपत्ति उनकी राजनीति को लेकर है। मुख्यमंत्री ने कहा, “हम भाजपा के राम से नहीं, बल्कि महात्मा गांधी के राम, रामायण के राम और दशरथ के पुत्र श्री रामचंद्र से प्रेम और उनका सम्मान और पूजा करते हैं।  कर्नाटक के आईटी-बीटी मंत्री प्रियांक खड़गे ने कहा कि उनमें भक्ति नहीं है क्योंकि वह ‘जनता जनार्दन’ और भारतीय संविधान में विश्वास करते हैं। 

 

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