क्या तिहाड़ जेल में घटित एक घटना से ही केंद्र सरकार की वर्षों की मेहनत बेकार हो जाएगी?

तिहाड़ जेल (Tihar Jail) में बंद एक गैंगस्टर कैदी की हत्या (Murder) का यह कोई पहला मामला नहीं है. साल 2018 में भी बागपत जेल में बंद माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी (Munna Bajrangi) की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. भारतीय जेलों में इस तरह की घटना का फायदा विदेशी जेलों में बंद भारतीय भगोड़े कारोबारी सालों से उठा रहे हैं.
बीते 4 अगस्त को तिहाड़ जेल में बंद एक कैदी की संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी.
नई दिल्ली.
देश की सबसे हाईप्रोफाइल जेलों में से एक तिहाड़ जेल (Tihar Jail) इस समय फिर से चर्चाओं में है. बीते 4 अगस्त को ही जेल में बंद एक कैदी की संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी. अब दिल्ली की एक जिला अदालत ने एफआईआर (FIR) दर्ज करने का आदेश जारी कर दिया है. हालांकि, तिहाड़ जेल प्रशासन ने जेल नंबर-3 के डिप्टी सुपरिटेंडेंट समेत 5 जेलकर्मियों को ड्यूटी से हटा भी दिया है. बता दें कि 29 साल के एक गैंगस्टर अंकित गुर्जर की बीते 4 अगस्त तिहाड़ जेल के अंदर ही संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. अंकित के परिवारवालों ने डिप्टी सुपरिटेंडेंट समेत 5 जेलकर्मियों पर मारपीट का आरोप लगाया था.
तिहाड़ जेल में घटित यह मामला अब तूल पकड़ने लगा है. जानकार बताते हैं कि इस घटना का असर भारतीय कूटनीतिक नीति पर भी पड़ सकता है. आर्थिक अपराध कर भागे भगोड़े कारोबारी सालों से भारतीय जेलों पर कई तरह के आरोप लगा कर विदेशों में मौज उठा रहे हैं. अब इस घटना के बाद इन भगोड़ों को और बल मिलेगा. विजय माल्या, नीरव मोदी, मेहुल चौकसी जैसे आर्थिक अपराधी इस घटना का फायदा उठा सकते हैं.
भगोड़े कारोबारी ऐसे फायदा उठा सकते हैं
बता दें कि तिहाड़ की यह घटना देश में पहला कोई मामला नहीं है जब जेल में किसी बदमाश की हत्या हुई हो. करीब 3 साल पहले बागपत जेल में भी माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी. भारतीय जेल में इस तरह की घटना का ही फायदा विदेशी जेलों में बंद भारतीय अपराधी उठाते रहे हैं. हालांकि, कुछ साल पहले ही लंदन हाई कोर्ट ने दिल्ली के तिहाड़ जेल को सुरक्षित जेल कहा था. हाई कोर्ट ने यह बात अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैचों की फिक्सिंग का एक आरोपी संजीव चावला के उस अर्जी पर कहा, जिसमें चावला ने तिहाड़ जेल में अपनी जान को खतरा बताया था. लंदन हाई कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि भारतीय जेल में कोई खतरा नहीं है. बता दें कि संजीव चावला पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैचों की फिक्सिंग का आरोप है और लंबे समय से भारत सरकार को चकमा दे कर लंदन में रहा था.
तिहाड़ जेल प्रशासन के लिए बड़ी मुसीबत
बीते बुधवार को तिहाड़ जेल में इस घटना ने हिलाकर रख दिया है. अंकित के परिजनों ने जेल अधिकारियों पर हत्या करने का आरोप लगाया है. परिजनों का आरोप है कि अंकित के पास से बीते मंगलवार को पुलिस अधिकारियों ने मोबाइल पकड़ा था, जिसके बाद उसकी एक जेल अधिकारी के साथ हाथापाई हो गई थी. हाथापाई के बाद उसे पुलिस ले गई और उसके साथ बुरी तरह मारपीट की गई, जिससे उसकी मौत हो गई. वहीं, पुलिस का तर्क है कि जेल में कैदियों के बीच झगड़ा हो गया था, जिसमें अंकित की मौत हो गई.
क्या कहते हैं विदेश मामलों के जानकार
देश की सबसे बड़ी हाईप्रोफाइल जेलों में से एक तिहाड़ जेल में हुए इस घटना के बाद जेल प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं. विदेशी मामलों के जानकार संजीव पांडेय कहते हैं, ‘शराब कारोबारी विजय माल्या, हीरा व्यापारी नीरव मोदी और मेहुल चौकसी जैसे लोगों को तिहाड़ की इस घटना के बाद बचाव का बड़ा हथियार मिल जाएगा. विदेशी जेल में बंद इन भगोड़ों को लाने में जिस तरह से सरकार लगी हुई है उसे तिहाड़ की घटना से धक्का लग सकता है. बीते कई सालों से भारत सरकार की कई जांच एजेंसियां इन भगोड़ों को भारत लाने की तैयारी कर रही है. इसके लिए लंदन सहित दूसरे देशों में मुकदमा भी लड़ा जा रहा है, लेकिन ये आरोपी विदेशी न्यायलयों में भारतीय जेलों की दुर्दशा और मानवाधिकार हनन की बात कर अभी तक बचते आ रहे थे. भारतीय जेलों खासकर तिहाड़ और बागपत जैसी घटनाओं से अब इन भगोड़ों को विदेशी अदालतों में संजीवनी दे सकता है.’

इस घटना के बाद जेल प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं.
कुलमिलाकर तिहाड़ जेल में बीते दिनों गैंगस्टर अंकित गुर्जर की संदेहास्पद मौत ने कई सवालों को जन्म दे दिया है. ऐसे में तिहाड़ जेल प्रशासन का यह कहना है कि जिस जगह पर कैदी की पिटाई हुई थी वहां पर सीसीटीवी कैमरा सिस्टम से इंस्टॉल नहीं किया गया था. यह दलील लोगों को पच नहीं पा रहा है.