हेल्थ

चंद्रभेदन प्राणायाम : जो आपको तपती गर्मी में दे सकता है ठंडक का अहसास

नई दिल्ली

प्राणायाम आपके लिए वह सब कर सकता है, जो आप करना चाहती है। आपका फोकस बढ़ाना, आपको शांत रखना और आपको नई एनर्जी देकर काम के लिए तैयार करना। सबसे खास बात अगर आप बढ़ती गर्मी में इर्रिटेशन और तनाव महसूस करने लगी है तो आपको चंद्रभेदन प्राणायाम के बारे में जरूर जानना चाहिए।

गर्मियों में जरूरी है चंद्रभेदन प्राणायाम

लेडीज आज हम चंद्रभेदन प्राणायाम के बारे में बताने वाले हैं, क्योंकि यह प्राणायाम इस मौसम में बहुत ही लाभकारी होता है। इस प्राणायाम को करने से पित्त रोगों में आराम मिलता है। पेट की गर्मी, खट्टी डकारें व मुंह के छाले दूर होते हैं। इसे प्रतिदिन करने से रक्त शुद्ध होता है और ये प्राणायाम त्वचा के रोगों में भी लाभकारी है। क्योंकि इसको करने से चन्द्र नाड़ी क्रियाशील हो जाती है, जिससे उच्च रक्तचाप, चिड़चिड़ेपन, अनिद्रा व तनाव को दूर किया जा सकता है।

चंद्रभेदन प्राणायाम से मिलते है ये लाभ

1. उच्च रक्तचाप कम करता है

 

उच्च रक्तचाप के रोगियों के लिए ये प्राणायाम बहुत ही लाभदायक है। हाइपरटेंशन या उच्च रक्तचाप, जिसे कभी कभी धमनी उच्च रक्तचाप भी कहते हैं, एक पुरानी चिकित्सीय स्थिति है। जिसमें धमनियों में रक्त का दबाव बढ़ जाता है। दबाव की इस वृद्धि के कारण, रक्त की धमनियों में रक्त का प्रवाह बनाये रखने के लिये दिल को सामान्य से अधिक काम करने की आवश्यकता पड़ती है। लेकिन चन्द्रभेदन प्राणायाम करने से इस समस्या को कम किया जा सकता है।

 

heart attack

 

 

2. आंखों को फायदा होता है

आपको इस प्राणायाम को करने से आखों की समस्या से छुटकारा मिलता है। आंख कई छोटे हिस्सों से बनी एक जटिल ग्रन्थि है, जिसमें से प्रत्येक हिस्सा सामान्य दृष्टि के लिए अनिवार्य है। साफ देख पाने की क्षमता इस बात पर निर्भर करती है कि ये सभी हिस्से परस्पर कितने बेहतर तरीके से काम करते हैं। चंद्रभेदन प्राणायाम आंख के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है।

3. मानसिक तनाव को दूर करता है

 

चन्द्रभेदन के नियमित अभ्यास से मानसिक तनाव दूर होकर मन शांत होता है। तनाव मनःस्थिति से उपजा विकार है। मनःस्थिति एवं परिस्थिति के बीच असंतुलन एवं असामंजस्य के कारण तनाव उत्पन्न होता है। जबकि उचित श्वास प्राणायम से इसे संतुलित किया जा सकता है।

4. पित्त रोग से आराम दिलाता है

 

ये प्राणायाम पित्त रोगों में बहुत लाभ पंहुचाता है। पित्त एक प्रकार का पाचक रस है, लेकिन ये विष (जहर) भी है। पित्त क्षारमय (पतला रस) तथा चिकनाई युक्त होता है तथा इसका रंग सुनहरा तथा गहरा पिस्तई युक्त होता है। पित्त का स्वाद कड़वा होता है। पाचनक्रिया में पित्त का कार्य महत्वपूर्ण होता है। प्रतिदिन चन्द्रभेदन प्राणायाम इसे संतुलित करने में मदद करता है।

5. त्वचा संक्रमण से राहत दिलाता है

 

इस प्राणायाम को करने से गर्मियों में होने वाले त्वचा संबंधी संक्रमणों से भी बचाव होता है। त्वचा शरीर का सबसे बड़ा तंत्र है। ये सीधे बाहरी वातावरण के सम्पर्क में होता है। इसके अतिरिक्त बहुत से अन्य तन्त्रों या अंगों के रोग (जैसे बवासीर) भी त्वचा के माध्यम से ही अभिव्यक्त होते हैं। जबिक चंद्रभेदन प्राणायाम रक्त को शुद्ध कर त्वचा संक्रमणों से राहत देता है।

तो चलिए जानते हैं इसे करने का सही तरीका।

 

face yoga

चंद्रभेदन प्राणायाम को करने की विधि:-

 

  • सबसे पहले किसी शांत जगह पर दरी बिछाकर सुखासन की स्थिति में बैठ जाएं।
  • अब अपनी गर्दन, रीढ़ की हड्डी और कमर को सीधा करें।
  • अब अपने बायें हाथ को बायें घुटने पर ही रखें, और दायें हाथ के उंगूठे से दाएं नाक के छेद को बंद कर दें।
  • अब बाईं नाक से लंबी और गहरी सांस को भरें और हाथ की अंगुलियों से बाएं नाक के छेद को भी बंद कर दें।
  • अब जितना हो सके उतनी गहरी श्वास को अंदर ही रोकें।
  • बाद में दाहिनी नाक से धीरे-धीरे श्वास छोड़ दें।
  • अब इसी क्रिया को कम से कम 5 मिनट तक दोहराएं।

पर कुछ चीजों का ध्यान रखें

 

  • लो ब्लड प्रेशर, दमा और कफ रोगी इस प्राणायाम को न करें।
  • ये प्राणायाम हमेशा खाली पेट करना चाहिए।
  • इस प्राणयाम की अवधि एक साथ नहीं बढ़ानी चाहिए।
  • इस प्राणायाम का अभ्यास साफ-स्वच्छ हवा या अच्छी वेंटिलेशन वाली जगह पर ही करना चाहिए।
  • सर्दियों में तथा कफ प्रकृति वालें लोगों को ये नहीं करना चाहिए।
  • और एक ही दिन में सूर्य भेदन प्राणायाम और चंद्र भेदन प्राणायाम एक साथ नहीं करने चाहिए।

डोनेट करें - जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर क्राइम कैप न्यूज़ को डोनेट करें.
 
Show More

Related Articles

Back to top button