मुस्लिमों से अपील- मुद्दे उठाते वक्त रहें सावधान, BJP को नहीं दें ध्रुवीकरण का मौका:सलमान खुर्शीद

सलमान खुर्शीद (Salman Khurshid) ने कहा कि मुसलमानों को समाज के सभी वर्गों से जुड़ने की कोशिश करनी चाहिए. खुर्शीद के मुताबिक, ‘हमें अपने मुद्दे उठाते हुए भयभीत नहीं होना चाहिए. हम भाग्यशाली हैं कि गैर मुस्लिम हमेशा हमारी चिंताओं को उठाते रहे हैं.’
नई दिल्ली.
कांग्रेस (Congress) के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद (Salman Khurshid) ने अल्पसंख्यक समुदाय (Muslim Community) को मुद्दों को उठाने में सावधान रहने की सलाह दी है. खुर्शीद ने कहा, ‘मुसलमानों को मुद्दे उठाने को लेकर सर्तक रहने की जरूरत है, ताकि भारतीय जनता पार्टी (BJP) को ध्रुवीकरण का मौका न मिले.’
खुर्शीद ने राजस्थान की राजधानी जयपुर में रविवार को ये बातें कही. खुर्शीद स्थानीय निकायों में कांग्रेस के नवनिर्वाचित पार्षदों के सम्मान में आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि मुसलमानों को समाज के सभी वर्गों से जुड़ने की कोशिश करनी चाहिए. खुर्शीद के मुताबिक, ‘हमें अपने मुद्दे उठाते हुए भयभीत नहीं होना चाहिए. हम भाग्यशाली हैं कि गैर मुस्लिम हमेशा हमारी चिंताओं को उठाते रहे हैं. कांग्रेस ने हमेशा देश की एकता के लिए काम किया है, लेकिन आज लोकतंत्र खतरे में है. हमें इसे बचाने के लिए एकजुट रहना होगा.’
खुर्शीद के बयान पर BJP का तंज- कांग्रेस ने माना उसके पास न नेता है और न नीति
एक आधिकारिक आंकड़ें के मुताबिक, भारत में 18 करोड़ से ज्यादा मुसलमान हैं. चुनाव आयोग धर्म के आधार पर मतदाता सूचियों का अनुमान नहीं बताता, लेकिन अनुमान के मुताबिक पूरे भारत में लोकसभा के 218 निर्वाचन क्षेत्रों में मुस्लिम वोटों की हिस्सेदारी 10 फीसदी है. अब तक मुसलमानों ने कमोबेश गैर-बीजेपी दलों को वोट दिया है. उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में जहां एक से अधिक धर्मनिरपेक्ष विकल्प मौजूद हैं, वहां कहा जाता है कि मुसलमान बीजेपी को हराने के लिए ‘टैक्टिकल वोटिंग’ करते हैं. गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति मुसलमानों का आक्रोश बीजेपी के प्रति नाराजगी से अधिक कठोर है.
अल्पसंख्यक बीजेपी को मुस्लिम विरोधी पार्टी मानते हैं. 70 के करीब सीटों पर 20 फीसदी से अधिक निर्णायक मुस्लिम वोट हैं. जहां बदले में हिंदू वोटों का ध्रुवीकरण हो सकता है सांप्रदायिक आधार पर बंटे किसी भी चुनाव में इसका सीधा फायदा बीजेपी को मिलेगा.
पूर्व केंद्रीय मंत्री खुर्शीद ने पार्टी से नाराज चल रहे नेताओं से कहा है कि उन्हें वर्तमान में सही स्थान तलाशने की बजाय इस पर चिंतन करना चाहिए कि इतिहास उन्हें कैसे याद रखेगा. गौरतलब है कि जम्मू में गुलाम नबी आजाद के नेतृत्व में समूह 23 के नेताओं द्वारा सार्वजनिक तौर पर आक्रोश का प्रदर्शन करने के बाद खुर्शीद का यह बयान आया है.