दिल्ली

“100 फीसदी निष्पक्ष” : गुजरात चुनाव की तारीखों के ऐलान में देरी के आरोप पर चुनाव आयोग

गुजरात विधानसभा का कार्यकाल 18 फरवरी को और हिमाचल प्रदेश का 8 जनवरी 2023 को समाप्त हो रहा है.

आदर्श आचार संहिता 38 दिनों के लिए लागू होगी.

नई दिल्ली: 

गुजरात चुनाव (Gujarat Election) की घोषणा करते हुए चुनाव आयोग ने ऐलान में देरी पर विपक्ष की आलोचना को भी खारिज किया है. आयोग ने दलील दी है कि मौसम, विधानसभा के कार्यकाल की अंतिम तिथि और आदर्श आचार संहिता लागू होने के दिन सहित कई चीजों में संतुलन बिठाना होता है.

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि गुजरात चुनाव की तारीखें तय समय के भीतर हैं. दोनों राज्यों की तारीखों की घोषणा में दो सप्ताह के अंतराल के बावजूद गुजरात में वोटों की गिनती उसी दिन होगी जब हिमाचल प्रदेश में वोटों की गिनती होगी.

उन्होंने कहा, ‘चुनाव आयोग की निष्पक्षता एक गौरवशाली विरासत है. हम 100 प्रतिशत निष्पक्ष हैं.’

कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग पर हिमाचल प्रदेश के साथ तारीखों की घोषणा नहीं करने का आरोप लगाया था. इनका कहना था कि चुनाव आयोग ने यह देरी इसलिए की ताकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले अपना अभियान खत्म करने के लिए समय मिल सके.

गुजरात विधानसभा का कार्यकाल 18 फरवरी को और हिमाचल प्रदेश का 8 जनवरी 2023 को समाप्त हो रहा है. अभी दोनों राज्यों में भाजपा की सरकार है.

गुजरात की तारीखों के ऐलान से पहले कांग्रेस ने एक ट्वीट किया है, जिसमें चुनाव आयोग पर कथित पक्षपात का आरोप लगाया गया है.

मुख्य चुनाव आयुक्त ने साथ ही कहा, ‘कुछ नकारात्मक माहौल बनाने की कोशिश करते हैं. कार्रवाई और परिणाम का असर शब्दों से ज्यादा होता है. बड़ी संख्या में विधानसभा चुनावों के नतीजों से पता चला है, कई बार आयोग की आलोचना करने वालों को चौंकाने वाले नतीजे मिले हैं.’

आदर्श आचार संहिता 38 दिनों के लिए लागू होगी, जो कि बहुत छोटी अवधि की है. चुनाव आयुक्त ने कहा, ‘यह दिल्ली चुनाव जैसा ही है.’

ऐलान में देरी के आरोपों पर उन्होंने कहा, ‘गुजरात विधानसभा का कार्यकाल 18 फरवरी तक है, इसलिए अभी भी समय है. मतगणना के दिन और गुजरात विधानसभा का कार्यकाल समाप्त होने के बीच 72 दिन का अंतर है.’

साथ ही उन्होंने कहा, “चुनाव तय करने में कई फैक्टर्स होते हैं – मौसम, विधानसभा के अंतिम कार्यकाल की तारीख, गुजरात और हिमाचल प्रदेश चुनाव के एक साथ परिणाम की परंपरा. हमें बहुत सी चीजों को संतुलित करना होता है. हम समय के भीतर ही हैं.’

कुमार ने संकेत दिया कि चुनावों की घोषणा कुछ दिन पहले की जा सकती थी लेकिन मोरबी में हुए हादसे को ध्यान में रखते हुए नहीं की जा सकी. उन्होंने कहा, ‘हमें राज्य में हुए हादसे को भी ध्यान में रखना पड़ा. देरी में वह भी एक कारक रहा. बुधवार को तो गुजरात में राजकीय शोक था. इसलिए इसमें बहुत सारे कारक हैं.’

बता दें, गुजरात में विधानसभा चुनाव के लिए दो चरणों में, एक और पांच दिसंबर को मतदान होगा और मतों की गिनती हिमाचल प्रदेश के साथ ही आठ दिसंबर को होगी. 182 सदस्यीय विधानसभा के लिए पहले चरण में 89 सीटों पर और दूसरे चरण में 93 सीटों पर मतदान होगा.

 

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