‘एक देश एक चुनाव’ का इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने किया विरोध, जानिए क्या कहा

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘एक देश, एक चुनाव’ विधेयक को मंजूरी दे दी है। इससे पहले सितंबर में कोविंद समिति की रिपोर्ट को मंजूरी दी गई थी जिसमें कहा गया है कि एक साथ चुनाव की सिफारिशें को दो चरण में कार्यान्वित किया जाएगा।
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ‘एक देश एक चुनाव’ को भाजपा का एजेंडा बताया। उन्होंने कहा कि एनडीए पास बहुमत है और वे कोई भी निर्णय ले सकते हैं। लेकिन एक देश एक चुनाव के प्रभावों और परिणामों को देखने की जरूरत है। यह भाजपा का एजेंडा है। वे अपने एजेंडे पर काम करेंगे और हम अपने एजेंडे पर काम करेंगे।
लोकतंत्र को कमजोर करने का हो रहा प्रयास: ममता
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार के कदम को असांविधानिक और संघीय व्यवस्था के खिलाफ करार दिया। ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि प्रस्तावित विधेयक एक देश, एक चुनाव सत्ता को केंद्रीकृत करने और भारत के लोकतंत्र को कमजोर करने का एक प्रयास है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने विधेयक को नेकर विशेषज्ञों और विपक्षी नेताओं द्वारा उठाई गई चिंताओं को नजरअंदाज किया गया है। यह कोई सोच समझकर किया गया सुधार नहीं है। यह भारत के लोकतंत्र और संघीय ढांचे को कमजोर करने के लिए बनाया गया सत्तावादी थोपना है। उन्होंने लिखा कि हमारे सांसद संसद में इस क्रूर कानून का पूरी ताकत से विरोध करेंगे। बंगाल कभी भी दिल्ली की तानाशाही सनक के आगे नहीं झुकेगा। यह लड़ाई भारत के लोकतंत्र को निरंकुशता के चंगुल से बचाने के लिए है।
संघवाद को नष्ट करेगा विधेयक: स्टालिन
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने एक्स पर पोस्ट में कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘एक देश एक चुनाव’ विधेयक पेश करने को मंजूरी दे दी। यह अव्यवहारिक और लोकतंत्र विरोधी कदम है। यह क्षेत्रीय आवाजों को मिटा देगा। संघवाद को नष्ट कर देगा और शासन को बाधित करेगा। उठो भारत, आइए हम भारतीय लोकतंत्र पर इस हमले का पूरी ताकत से विरोध करें।