सीमा पर चीन की मौजूदगी के वक्त भारत के लिए गुटनिरपेक्ष बने रहना संभव नहीं :थरूर

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने शनिवार को कहा कि भारत की सीमा पर चीन की मौजूदगी के समय भारत के लिए ‘सचमुच में गुटनिरपेक्ष’ बने रहना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि दुनिया के अव्यवस्थित होने से भारत की विदेश नीति की कुछ पूर्वधारणाएं हिल गई हैं।
कोलकाता
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने शनिवार को कहा कि भारत की सीमा पर चीन की मौजूदगी के समय भारत के लिए ‘सचमुच में गुटनिरपेक्ष’ बने रहना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि दुनिया के अव्यवस्थित होने से भारत की विदेश नीति की कुछ पूर्वधारणाएं हिल गई हैं।
थरूर ने कहा, ‘‘हम अब भी गुटनिरपेक्ष हैं और गुटनिरपेक्ष आंदोलन के सदस्य हैं। लेकिन अब इसका क्या मतलब है यह बहुत स्पष्ट नहीं है, क्योंकि दो महाशक्तियां अब अमेरिका और (पूर्व) सोवियत संघ नहीं हैं। वे अमेरिका और तेजी से बढ़ता चीन हैं।”
थरूर ने कोलकाता अंतरराष्ट्रीय पुस्तक मेले में एक शो में कहा कि उस स्थिति में, दिल्ली वास्तव में ‘भारत की सीमा पर बैठे बैरी चीन’ के साथ गुटनिरपेक्ष नहीं हो सकती है। उन्होंने कहा कि अगर चीन अधिक प्रत्यक्ष रूप से आक्रामक रुख अपनाता है, तो इसकी पूरी संभावना है कि भारत को कठिन विकल्प चुनने होंगे। थरूर ने कहा कि हालांकि, भारत नाटो जैसी संधि में नहीं है, लेकिन उसने ‘क्वाड’ में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के साथ साझेदारी की है।
केरल के तिरुवनंतपुरम से लोकसभा सदस्य ने कहा कि भारत एक नए समूह आई2यू2 का भी सदस्य है जिसमें भारत, इजराइल, अमेरिका और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि गाजा संघर्ष के बाद इस समूह का भविष्य क्या है।”