देश

‘जजों की आलोचना का नया ट्रेंड’, अरावली फैसले पर CJI सूर्यकांत का कड़ा संदेश; बोले- रचनात्मक आलोचना से गुरेज नहीं

सीजेआई सूर्यकांत ने जजों की बैशिंग के बढ़ते ट्रेंड पर चिंता जताई. अरावली फैसले के संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट के मुख्‍य न्‍यायाधीश ने कहा कि वे रचनात्मक आलोचना से गुरेज नहीं करते लेकिन जजों को व्यक्तिगत रूप से निशाना बनाना गलत है. उन्होंने स्पष्ट किया कि प्राथमिकता अदालतों में लंबित मामलों को निपटाने की है. साथ ही, बुजुर्गों और ईडब्ल्यूएस वर्ग के केस अब जल्द सुने जाएंगे.

 

नई दिल्ली.
 देश के चीफ जस्टिस (CJI) सूर्यकांत ने न्यायपालिका की गरिमा और कार्यप्रणाली को लेकर अपना नजरिया साफ किया. एक न्‍यूज से बातचीत के दौरान जब उनसे अरावली पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले और इसके बाद जजों की सोशल मीडिया पर आलोचना के बारे में सवाल पूछा गया. सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्‍यायाधीश ने साफ कहा कि हाल के दिनों में जजों की बैशिंग यानी जजों को व्यक्तिगत रूप से निशाना बनाने का जो नया ट्रेंड उभरा है वह लोकतंत्र और संस्था की मजबूती के लिए बिल्कुल सही नहीं है. सीजेआई ने इस बात पर जोर दिया कि फैसलों की रचनात्मक आलोचना तो ठीक है लेकिन जजों पर हमले करना मर्यादा के खिलाफ है.
जजों को व्यक्तिगत रूप से कठघरे में खड़ा करना गलत
अरावली मामले पर अपनी राय रखते हुए उन्होंने न्यायिक शुचिता का परिचय दिया. उन्होंने कहा कि मामला अभी विचाराधीन है इसलिए इस पर कोई भी टिप्पणी करना उनके लिए उचित नहीं होगा. हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि न्यायपालिका दबाव में नहीं बल्कि संविधान के दायरे में काम करती है. सीजेआई सूर्यकांत ने जजों की आलोचना पर चिंता जताते हुए कहा कि फैसलों का विश्लेषण करना हर नागरिक का अधिकार है लेकिन न्यायाधीशों को व्यक्तिगत रूप से कठघरे में खड़ा करना संस्थान के विश्वास को कमजोर करता है.
सीजेआई ने बताई अपनी प्राथमिकता
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने अपने कार्यकाल के दौरान सुधारों का खाका भी पेश किया. उन्होंने कहा कि उनका सबसे बड़ा लक्ष्य अदालतों में लंबित मामलों के राक्षस को खत्म करना है. उन्होंने विशेष रूप से आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग (EWS), वरिष्ठ नागरिकों और विशेष रूप से दिव्यांगों से जुड़े मामलों को प्राथमिकता के आधार पर सूचीबद्ध करने की बात कही. जब कॉलेजियम सुधारों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने स्पष्ट किया कि फिलहाल ऐसा कोई विचार प्रक्रिया में नहीं है. पूरी न्यायपालिका का ध्यान इस वक्त केवल मामलों के त्वरित निपटारे पर केंद्रित है.
लोग बनाए रखें न्‍यायपालिका में विश्‍वास
देश की जनता को भरोसा दिलाते हुए सुप्रीम कोर्ट के सीजेआई सूर्यकांत ने एक भावुक संदेश दिया. उन्होंने कहा कि भारतीय न्यायपालिका हमेशा लोगों की उम्मीदों पर खरी उतरेगी. उन्होंने देशवासियों से अपील की कि वे न्याय वितरण प्रणाली में अपना वही अटूट विश्वास बनाए रखें, जो हमेशा से रहा है. सीजेआई ने भरोसा जताया कि आने वाले समय में तकनीक और बेहतर प्रबंधन के जरिए आम आदमी को और भी सुलभ और सस्ता न्याय मिल सकेगा.

डोनेट करें - जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर क्राइम कैप न्यूज़ को डोनेट करें.
 
Show More

Related Articles

Back to top button