धनशोधन मामले में गुजरात के पत्रकार को शीर्ष कोर्ट से मिली अंतरिम जमानत, छह जनवरी को अगली सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात के पत्रकार महेश लांगा को धनशोधन मामले में अंतरिम जमानत दी और विशेष अदालत को रोजाना सुनवाई करने का आदेश दिया। कोर्ट ने लांगा को मामले पर कोई लेख न लिखने और सुनवाई में टालमटोल न करने का निर्देश दिया। इस मामले की अगली सुनवाई छह जनवरी को होगी।
नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को गुजरात के पत्रकार महेश लांगा को धनशोधन मामले में अंतरिम जमानत दी। यह अहमदाबाद में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से दर्ज कथित वित्तीय धोखाधड़ी से जुड़ा मामला है।
चीफ जस्टिस (सीजेआई) सूर्यकांत तथा जस्टिस जॉयमाल्या बागची और जस्टिस विपुल एम पंचोली की बेंच ने विशेष अदालत को इस मामले में रोजाना सुनवाई करने का आदेश दिया और पत्रकार से कहा कि वह सुनवाई के दौरान कोई तारीख बढ़ाने (स्टे) की मांग न करें।
शीर्ष कोर्ट ने लांगा को यह भी निर्देश दिया कि वह अपने खिलाफ चल रहे इस विचाराधीन मामले पर अखबार में कोई लेख न लिखें। बेंच ने कहा कि अगर आदेश का उल्लंघन किया गया तो जमानत रद्द करने पर विचार किया जा सकता है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पेश हुए। उन्होंने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि किसी पत्रकार द्वारा पैसे की उगाही करना एक गंभीर अपराध है और उसे जमानत नहीं दी जानी चाहिए। वहीं, पत्रकार की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट में पक्ष रखा। बेंच ने अब इस मामले की अगली सुनवाई छह जनवरी को तय की है। ईडी को लांगा की जमानत की शर्तों के पालन पर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करनी होगी।
इस मामले में अभी आरोप तय नहीं हुए हैं और ईडी ने नौ लोग गवाह बनाए हैं। इससे पहले 31 जुलाई को गुजरात हाईकोर्ट ने यह कहते हुए लांगा की जमानत याचिका खारिज कर दी थी कि जमानत मिलने से अभियोजन पक्ष के मामले को नुकसान पहुंच सकता है। ईडी ने 25 फरवरी को बताया था कि उसने कथित वित्तीय धोखाधड़ी से जुड़े धनशोधन मामले में की जांच के तहत लांगा को गिरप्तार किया है। इससे पहले उन्हें अक्तूबर 2024 में जीएसटी धोखाधड़ी के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था।




