इंदिरा एकादशी कब है? पितरों की मुक्ति के लिए है सबसे बढ़िया दिन, जानें तारीख और शुभ मुहूर्त

इंदिरा एकादशी आश्विन कृष्ण एकादशी तिथि को है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करते हैं, इससे पितरों को मुक्ति मिलती है. इस एकादशी पर परिघ योग और पुनर्वसु नक्षत्र है. आइए जानते हैं इंदिरा एकादशी की तारीख, मुहूर्त और महत्व के बारे में.
इंदिरा एकादशी का व्रत आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है. इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा करते हैं और पितरों के लिए तर्पण, श्राद्ध, पिंडदान आदि किया जाता है. इस साल इंदिरा एकादशी के दिन परिघ योग और पुनर्वसु नक्षत्र है. जो लोग अपने पितरों को मुक्ति प्रदान करना चाहते हैं, वे इंदिरा एकादशी का व्रत जरूर रखें और पूजा पाठ करें. इंदिरा एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति के पितरों को अधोगति से मुक्ति मिलती है, उनको यमलोक की यातनाएं नहीं सहन करनी पड़ती हैं, उनको विष्णु लोक में स्थान मिलता है. वहीं व्रत करने वाला व्यक्ति भी मृत्यु के बाद स्वर्ग प्राप्त करता है.
इंदिरा एकादशी व्रत की तारीख
2 शुभ योग में इंदिरा एकादशी व्रत
इंदिरा एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त 04:33 ए एम से 05:20 ए एम तक है. इस समय में आप स्नान, दान आदि कर सकते हैं. उस दिन लाभ-उन्नति मुहूर्त 06:07 ए एम से 07:39 ए एम तक है, वहीं अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त 07:39 ए एम से 09:11 ए एम तक है, जबकि शुभ-उत्तम मुहूर्त 10:43 ए एम से 12:15 पी एम तक है. उसके बाद से राहुकाल शुरू हो जाता है. राहुकाल से पहले ही इंदिरा एकादशी की पूजा कर लें.
इंदिरा एकादशी पारण समय
इंदिरा एकादशी व्रत के फायदे
2. इंदिरा एकादशी के दिन व्रत और पूजन से मोक्ष की प्राप्ति हाती है. व्रत करने वाले को जीवन के अंत में स्वर्ग में स्थान मिलता है.
4. राजा इंद्रसेन ने अपने पितरों की मुक्ति के लिए इंदिरा एकादशी व्रत विधि विधान से किया था. इसकी विधि नारद जी ने उनको बताई थी.