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डोनाल्ड ट्रंप ने अपने खास सर्जियो गोर को क्यों बनाया भारत में राजदूत? मोदी को मैसेज या कुछ और मकसद, जानिए

डोनाल्ड ट्रंप अपने सबसे खास सर्जियो गोर को भारत में अमेरिका का राजदूत नियुक्त किया है. गोर दिल्ली में सात महीने से वाशिंगटन के खालीपन को भरेंगे.
India-US Relation: भारत पर डोनाल्ड ट्रंप के 50 प्रतिशत टैरिफ के बाद दोनों देश के रिश्तों में काफी खटास आ गई है. अमेरिका भारत पर लगातार दबाव दे रहा है कि भारत रूस से तेल ना खरीदे. मगर, भारतीयों की हितों को देखते हुए भारत ने रूस से व्यापार जारी रखा. दोनों देशों के बीच हालिया राजनीतिक तनाव का एक और कारण भारत में कोई अमेरिकी राजदूत का ना होना माना जा रहा है. अब सात महीने के रिक्तता को डोनाल्ड ट्रंप भरने जा रहे हैं. इसकी कमी ने न केवल दोनों देशों के बीच कूटनीतिक शून्य पैदा कर दिया, बल्कि दोनों देशों के बीच वार्ताएं रुक गईं और गलतफहमियां बढ़ गईं. अब इस खाई को पाट कर डोनाल्ड ट्रंप पीएम मोदी को कोई मैसेज देना चाह रहे हैं? अगर देखा जाए ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद से चीन और रूस में भी अमेरिकी राजदूत का पोस्ट खाली था.
हालांकि, अमेरिका के तमाम कोशिशों के बावजूद भी भारत अपनी प्राथमिकताओं के साथ आगे बढ़ रहा. भारत के प्राथमिकताओं में रूस के साथ संबंधों को मजबूत करना, चीन के साथ आर्थिक जुड़ाव को गहरा करना, और वैश्विक मुद्दों पर अपनी स्वतंत्रता का दावा करना शामिल है.
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अमेरिका के लिए, ऐसे नाज़ुक मोड़ पर अनुपस्थित रहना जोखिम भरा था. और इसीलिए ट्रंप का नया राजदूत नियुक्त करने का फ़ैसला इतना महत्वपूर्ण है. उन्होंने सर्जियो गोर को भारत के राजदूत के लिए नामित किया है, जो उनके लंबे समय से अपने वफादार और विश्वासपात्र रहे हैं. गोर कोई पेशे से कोई राजनयिक नहीं हैं. वे एक राजनीतिक आदमी हैं, वह काफी समय से ट्रंप के साथ काम कर रहे हैं. ट्रंप को गोर पर उनके एजेंडे को पूरी तरह से लागू करने का भरोसा है.
विशेष प्रभार
गोर ना केवल भारत में अमेरिका के राजदूत रहेंगे बल्कि दक्षिण और मध्य एशिया मामलों के लिए विशेष दूत भी होंगे. ट्रंप ने खुद कहा, ‘दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले क्षेत्र के लिए, यह ज़रूरी है कि मेरे पास कोई ऐसा व्यक्ति हो, जिस पर मैं अपने एजेंडे को पूरा करने के लिए पूरी तरह भरोसा कर सकूं.‘
कुछ यूं बोले ट्रंप
यह रिश्तों को संभालने के लिए किसी कुशल राजनयिक को भेजने की बात नहीं है. यह ट्रंप द्वारा दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण देशों में से एक में किसी ऐसे व्यक्ति को नियुक्त करने की बात है, जिसे वह जानते हैं, जो सीधे उन्हें रिपोर्ट करता है. यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए एक संकेत है– ‘आप मेरे लिए मायने रखते हैं, और मैं अपने सबसे करीबी लोगों में से एक को इस पद पर नियुक्त कर रहा हैं.’ यह चीन और रूस के लिए भी मैसेज हो सकता है कि ऐसा मत सोचिए कि अमेरिका भारत से पीछे हट रहा है. हालांकि दक्षिण और मध्य एशिया मामलों के लिए विशेष दूत के रूप में गोर की अतिरिक्त भूमिका इस क्षेत्र के लिए पहली ऐसी नियुक्ति है. इसका अर्थ भारत और पाकिस्तान को एक साथ जोड़ना भी हो सकता है.