Breaking News

आपातकाल विरोधी आंदोलन मेरे लिए सीखने का अनुभव, उस वक्त में आरएसएस का युवा प्रचारक था:पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आपातकाल पर लिखी किताब ‘द इमरजेंसी डायरीज’ की रिलीज से पहले उस दौर को अपने लिए बड़ा सीखने का अनुभव बताया। उन्होंने कहा कि आपातकाल के समय वह आरएसएस के युवा प्रचारक थे और लोकतंत्र की रक्षा के लिए चलाए आंदोलन ने उन्हें काफी सिखाया।

 

नई दिल्ली

 

देश के लोकतंत्र पर सबसे बड़ा हमला माने जाने वाले आपातकाल के दौर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न केवल अपने जीवन का बड़ा सबक बताया, बल्कि इसे लोकतंत्र की ताकत समझने का अहम मौका भी करार दिया। आपातकाल के अनुभवों पर आधारित पुस्तक ‘द इमरजेंसी डायरीज’ बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के हाथों लॉन्च होने जा रही है।

प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर लिखा कि यह किताब उनके आपातकाल के दिनों की यात्रा को समेटे हुए है। इसे पढ़कर 1975 से 1977 तक के काले दिनों की यादें ताजा हो गईं। उन्होंने देशवासियों से अपील की कि जो लोग उस दौर को याद करते हैं या जिनके परिवार उस समय अत्याचार के शिकार हुए, वे सोशल मीडिया पर अपने अनुभव साझा करें। इससे आज की युवा पीढ़ी को आपातकाल की असलियत समझने का मौका मिलेगा।

 

 

संघर्ष से मिला लोकतंत्र की अहमियत
पीएम मोदी ने कहा कि वह उस समय एक युवा आरएसएस प्रचारक थे और आपातकाल के खिलाफ चले आंदोलन ने उन्हें बहुत कुछ सिखाया। इस आंदोलन ने लोकतांत्रिक व्यवस्था को बचाने की अहमियत समझाई। मोदी ने कहा कि इस दौरान उन्होंने विभिन्न राजनीतिक विचारधारा वाले लोगों से मिलकर बहुत कुछ सीखा। यह अनुभव आज उनके नेतृत्व में झलकता है।

 

एचडी देवगौड़ा ने लिखी भूमिका
ब्लूक्राफ्ट डिजिटल फाउंडेशन द्वारा प्रकाशित इस किताब की भूमिका पूर्व प्रधानमंत्री और आपातकाल विरोधी आंदोलन के दिग्गज नेता एचडी देवगौड़ा ने लिखी है। पीएम मोदी ने इसके लिए उन्हें धन्यवाद देते हुए कहा कि यह किताब न सिर्फ उनके व्यक्तिगत अनुभवों को साझा करती है, बल्कि लोकतंत्र की रक्षा के संघर्ष की भी दास्तान है।

तानाशाही के खिलाफ युवाओं की भूमिका
ब्लूक्राफ्ट ने बताया कि यह किताब उन लोगों की सच्ची कहानियों पर आधारित है, जिन्होंने उस समय युवा नरेंद्र मोदी के साथ काम किया। इसमें उन archival दस्तावेजों और अनुभवों को शामिल किया गया है, जो दिखाते हैं कि कैसे एक युवा नेता ने तानाशाही के खिलाफ अपनी पूरी ताकत झोंक दी। किताब बताती है कि नरेंद्र मोदी के राजनीतिक और वैचारिक गठन की नींव उन्हीं संघर्षों में पड़ी।

 

लोकतंत्र की रक्षा करने वालों को सलाम
ब्लूक्राफ्ट ने कहा कि ‘द इमरजेंसी डायरीज’ उन तमाम साहसी लोगों को समर्पित है, जिन्होंने आपातकाल के दौर में तानाशाही के आगे झुकने से इनकार कर दिया। यह किताब लोकतंत्र की रक्षा के लिए दिए गए संघर्ष की प्रेरणा है और नरेंद्र मोदी जैसे नेताओं के शुरुआती दिनों की झलक पेश करती है, जिन्होंने लोकतंत्र की मजबूती के लिए अपना जीवन समर्पित किया।

 

 

डोनेट करें - जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर क्राइम कैप न्यूज़ को डोनेट करें.
 
Show More

Related Articles

Back to top button