ईरान परमाणु प्रतिष्ठानों के निरीक्षण के लिए तैयार, लेकिन दबाव स्वीकार नहीं करेगा : राष्ट्रपति पेजेशकियन

ईरान अपने परमाणु प्रतिष्ठानों के निरीक्षण को तैयार है। इसकी जानकारी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने शनिवार को दी
तेहरान
ईरान अपने परमाणु प्रतिष्ठानों के निरीक्षण को तैयार है। इसकी जानकारी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने शनिवार को दी। उन्होंने कहा कि उनका देश अपने परमाणु प्रतिष्ठानों के निरीक्षण के लिए तैयार है, लेकिन वह किसी दबाव को स्वीकार नहीं करेगा।
राष्ट्रपति कार्यालय की वेबसाइट पर प्रकाशित एक बयान के अनुसार, पेजेशकियन ने शनिवार को ईरान की राजधानी तेहरान में कजाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री मूरत नूर्टलेउ के साथ बैठक में यह टिप्पणी की। दरअसल, वह तेहरान और वाशिंगटन के बीच चल रही अप्रत्यक्ष परमाणु वार्ता पर टिप्पणी कर रहे थे।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, उन्होंने कहा कि ईरान की परमाणु गतिविधियां पूरी तरह से “पारदर्शी” हैं और अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने भी इसकी बार-बार पुष्टि की है।
ईरानी राष्ट्रपति पेजेशकियन ने कहा, “चूंकि हम निरीक्षण के लिए तैयार हैं, इसलिए हम राष्ट्रों को ज्ञान, प्रौद्योगिकी और वैज्ञानिक उपलब्धियों से वंचित करना अस्वीकार्य मानते हैं।” उन्होंने आगे कहा कि ईरान हमेशा तार्किक चर्चा सुनने के लिए तैयार है, लेकिन वह कभी भी “जबरदस्ती और धौंस” को स्वीकार नहीं करेगा।
उधर, कजाकिस्तान के विदेश मंत्री ने शांतिपूर्ण परमाणु गतिविधियों पर ईरान के “सिद्धांतवादी और तार्किक” रुख के प्रति अपने देश का सम्मान व्यक्त किया।
नूर्टलेउ ने कजाकिस्तान के राष्ट्रपति कासिम-जोमार्ट टोकायेव का लिखित संदेश पेजेशकियन को सौंपा। नूर्टलेउ ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि यह संदेश “दोनों देशों के संबंधों में एक नया अध्याय जोड़ेगा।”
बयान के अनुसार, दोनों पक्ष सभी क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने पर सहमत हुए।
सरकारी समाचार एजेंसी इरना के अनुसार, कजाकिस्तान के विदेश मंत्री शनिवार सुबह तेहरान पहुंचे और उनके ईरानी समकक्ष सईद अब्बास अराघची ने उनका स्वागत किया।
इसके बाद उन्होंने द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर बैठक की तथा राजनयिक अभिलेखागार के क्षेत्र में सहयोग पर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। ईरान और संयुक्त राज्य अमेरिका ने तेहरान के परमाणु कार्यक्रम और अमेरिकी प्रतिबंधों को हटाने के मुद्दे पर पांच बार अप्रत्यक्ष वार्ता की, जिसकी मध्यस्थता ओमान ने की है।