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खराब हाइवे पर हाईकोर्ट ने NHAI की बैंड बजा दी, टोल घटाकर किया 20 परसेंट, चीफ जस्टिस बोलीं- नहीं वसूल सकते टैक्स

नई दिल्ली.
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट ने एक अहम टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर हाईवे की स्थिति बुरी है तो वाहन चालकों से टोल-टैक्स नहीं वसूला जाना चाहिए. अपने आदेश में चीफ जस्टिस ताशी रबस्तान और न्यायमूर्ति एमए चौधरी की बेंच ने पंजाब के पठानकोट से जम्मू के उधमपुर तक नेशनल हाइवे-44 पर यात्रा करने वाले लोगों को बड़ी राहत देते हुए निर्माण पूरा होने तक दो प्लाजा पर केवल 20 प्रतिशत टैक्स वसूले जाने का आदेश सुनाया. हाईकोर्ट ने कहा कि यदि निर्माण संबंधित गतिविधियों के कारण नेशनल हाइवे खराब स्थिति में है, तो एनएचएआ यानी भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण हाइवे का उपयोग करने वाले यात्रियों से टोल टैक्स नहीं वसूल सकते.
कोर्ट ने कहा कि टोल कलेक्शन लोगों से अच्छी तरह से बनाए गए बुनियादी ढांचे का लाभ प्रदान करने के लिए किया जाता है. यदि यह हाइवे खराब स्थिति में है और वो वाहन चलाने में असुविधाजनक है तो यात्रियों के लिए टोल का भुगतान जारी रखना अनुचित है. ऐसा करना उपयोगकर्ता को उचित सेवा मुहैया करने के सिद्धांत का उल्लंघन है. हाईकोर्ट ने कहा कि निश्चित रूप से यात्रियों और ड्राइवरों को इस राजमार्ग की खराब स्थिति से निराशा महसूस हो रही होगी, जिसका उपयोग करने के लिए वे भुगतान कर रहे हैं.
अच्छे हाइवे पर ही टैक्स
बेंच ने कहा कि मूल आधार यह है कि टोल सड़क लोगों के लिए सुचारू, सुरक्षित और अच्छी तरह से बनाए गए राजमार्गों के बदले में मुआवजे का एक रूप होना चाहिए. एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने ताजा व्यवस्था की है. याचिका में दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे परियोजना के तहत निर्माणाधीन पठानकोट से उधमपुर तक राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित लखनपुर, ठंडी खुई और बन्न टोल प्लाजा पर टोल टैक्स से छूट की मांग की गई थी.
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