कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि झारखंड में भाजपा-आरएसएस ने एक प्रयोगशाला बनाने की कोशिश की थी। जहां भाजपा के नेताओं ने अपनी ही केंद्र सरकार के खिलाफ कैंपेन चला दिया। वे कहने लगे कि यहां घुसपैठिए घुस गए, लेकिन झारखंड के लोगों ने इस तरह की राजनीति को सिरे से ठुकरा दिया
महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव के नतीजे आज जारी हुए। जहां एक तरफ महाराष्ट्र में भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन को बहुमत मिला तो दूसरी तरफ झारखंड में झामुमो गठबंधन आगे है। चुनाव के नतीजों के जारी होने के बाद कांग्रेस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। कांग्रेस नेता जयराम रमेश और पवन खेड़ा ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन की जीत पर सवाल उठाया। इसके साथ ही उन्होंने झारखंड में झामुमो गठबंधन की जीत पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि झारखंड के लोगों ने भाजपा की राजनीति को ठुकरा दिया और काम करने वाली सरकार को फिर से जीता दिया। बता दें कि झारखंड में कांग्रेस 10 सीटों पर जीत हासिल कर चुकी है, जबकि छह सीटों पर आगे हैं।
प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, “महाराष्ट्र में वही पैटर्न दोहराया गया है, जो हमें पिछले कुछ साल में देखने को मिला है। नरेंद्र मोदी के नाम पर लड़े गए लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र ने भाजपा को नकार दिया था, क्योंकि जनता मोदी जी को पीएम के रूप में नहीं देखना चाहती थी। उसी महाराष्ट्र ने चार महीने बाद भाजपा को 148 में से 132 सीटें दे दीं। ये कैसी स्ट्राइक रेट है? जहां भाजपा को भारी लाभ लेना होता है, वो सारे दांव-पेंच वहां लगा देती है और बाकी जगह लेवल प्लेयिंग फील्ड चलने देती है। और जहां लेवल प्लेयिंग फील्ड होती है, वहां के नतीजे आपके सामने हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “झारखंड में भाजपा-आरएसएस ने एक प्रयोगशाला बनाने की कोशिश की थी। जहां भाजपा के नेताओं ने अपनी ही केंद्र सरकार के खिलाफ कैंपेन चला दिया। वे कहने लगे कि यहां घुसपैठिए घुस गए, लेकिन झारखंड के लोगों ने इस तरह की राजनीति को सिरे से ठुकरा दिया और काम करने वाली सरकार को फिर से जीत दिला दी।”
जयराम रमेश ने झारखंड के लोगों को बधाई दी
जयराम रमेश ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए सबसे पहले झारखंड की जनता को बधाई दी। उन्होंने कहा कि झारखंड के लोगों ने ध्रुवीकरण की राजनीति को ठुकरा दिया। कांग्रेस नेता ने आगे कहा, “सबसे पहले मैं झारखंड की जनता को बधाई देता हूं, क्योंकि उन्होंने हमारे देश को एक नया रास्ता दिखाया है। उन्होंने ध्रुवीकरण की राजनीति को निर्णायक तरीके से ठुकराया है। झारखंड में सारा चुनाव सिर्फ घुसपैठ के मुद्दे पर लड़ा गया। झारखंड के परिणामों से सकारात्मक संदेश मिलता है कि ध्रुवीकरण की राजनीति को हराया जा सकता है और हम हराकर ही रहेंगे। महाराष्ट्र में जानबूझकर लेवल प्लेइंग फील्ड को बिगाड़ा गया है। वहां जो नतीजे आए हैं, वह हमारे लिए अप्रत्याशित हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “लोकसभा चुनाव में हमारे जो मुद्दे थे, वो आज भी अहमियत रखते हैं। हमारे नेताओं ने इन मुद्दों को जोर-शोर से उठाया था। जातिगत जनगणना, आर्थिक समानता, सामाजिक ध्रुवीकरण, संविधान की सुरक्षा, 50% आरक्षण की सीमा, मोडानी घोटाला इन मुद्दों को महाराष्ट्र की जनता ने ठुकराया नहीं है। इस नतीजे पर हम जांच करेंगे, इसका विश्लेषण होगा- जो कि स्वाभाविक है। महाराष्ट्र में जिसकी जीत हुई है, उन्हें अनुमान नहीं था कि ऐसा नतीजा आएगा। हम यह मानकर चल रहे थे कि हमें जनादेश मिलेगा। महाराष्ट्र में जनता सरकार के खिलाफ थी और उनके खिलाफ एक माहौल था। नतीजे भले ही विपरीत हैं, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि हम पीछे हटेंगे। हम, हमारी पार्टी और कार्यकर्ता महाराष्ट्र में काम करते रहेंगे।”
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