रायबरेली में अमित शाह की रैली में पत्रकार की पिटाई का क्या है मामला, क्या कह रहे हैं नेता

उत्तर प्रदेश के रायबरेली में केंद्रीय गृह मंत्री और बीजेपी नेता अमित शाह की रैली में एक यूट्यूब न्यूज़ चैनल के पत्रकार की पिटाई के मामले ने तूल पकड़ लिया है.
यूट्यूब न्यूज़ चैनल ‘मॉलिटिक्स’ के पत्रकार राघव त्रिवेदी ने आरोप लगाया है कि रैली के दौरान सवाल पूछे जाने से नाराज़ बीजेपी कार्यकर्ताओं ने उनसे मारपीट की.
त्रिवेदी के मुताबिक़, वो दिल्ली से अमेठी और रायबरेली की ग्राउंड रिपोर्टिंग के लिए गए थे.
रविवार को वो रायबरेली में अमित शाह की रैली कवर करने पहुंचे.
राघव त्रिवेदी का दावा है कि रैली के दौरान कुछ महिलाओं ने उन्हें बताया कि उन्हें 100-100 रुपये देकर रैली में बुलाया गया है लेकिन जब इस बारे में उन्होंने बीजेपी कार्यकर्ताओं से सवाल किया तो उन्हें पीटा गया. उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा.
राघव त्रिवेदी के साथ मारपीट के इस मामले पर व्यापक प्रतिक्रिया हुई है.
राजनीतिक दलों से लेकर पत्रकार और उनके संगठनों ने इस घटना की कड़ी निंदा की है. सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर नाराज़गी देखी जा रही है.
पत्रकार ने बताया क्या हुआ
राघव त्रिवेदी ने एक्स पर अस्पताल का वीडियो रीपोस्ट किया है. इसमें वो स्ट्रेचर पर लेटे दर्द से कराहते दिख रहे हैं.
इस वीडियो में वो कहते दिख रहे हैं, ”बहुत मारा है. भीड़ ने मारा है. मैं रिपोर्ट कर रहा था. अमित शाह की रैली चल रही थी और लोग उठ-उठ कर जा रहे थे. मैं पूछने लगा कि लोग क्यों जा रहे हैं. इस पर उन्होंने कहा कि कैमरा बंद करो. इसके बाद 20-25 लोगों ने मुझे घेर लिया और मेरे पेट पर घूंसे मारने लगे. कम से कम डेढ़-दो सौ घूंसे मारे.”
उन्होंने बताया, ”इससे पहले मेरी रैली से बाहर कुछ महिलाओं से बातचीत हो रही थी. उन्होंने कहा कि हमें पता नहीं कि हम क्यों आए. हमें प्रधान जी लाए हैं और सौ रुपये दिए हैं. हमने वहां बीजेपी के लोगों से पूछा कि क्या ये सच है. इस पर उन्होंने कहा कि तू रुक मैं आता हूं. और फिर मुझे मारने लगे. मुझे पेट में मारा गया. वो कह रहे थे कि ऐसे मारो कि निशान न दिखे.”
पत्रकार संगठनों और नेताओं ने की कार्रवाई की मांग

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प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने चुनाव आयोग और स्थानीय अधिकारियों से इस मामले में कड़ी कार्रवाई की अपील की है.
कांग्रेस की ओर से इस घटना पर ट्वीट कर लिखा गया, ”ये घटनाएं बता रही हैं कि बीजेपी के लोग सामने दिख रही हार से बौखला चुके हैं. अब अन्याय का अंत होने को है.”
वहीं कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, “पत्रकार को सिर्फ़ इसलिए पीटा गया क्योंकि उन्होंने कुछ महिलाओं से बात की थी जो कह रही थीं कि सभा में आने के लिए उन्हें पैसे दिए गए. पूरे देश के मीडिया का मुंह बंद कर देने वाली भाजपा को यह बर्दाश्त नहीं है कि उनके ख़िलाफ़ कहीं कोई आवाज़ उठे.”

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गुजरात से विधायक जिग्नेश मेवाणी ने लिखा, ”राघव त्रिवेदी अमित शाह की रैली में आई महिलाओं से वह सवाल-जवाब कर रहे थे. महिलाओं ने बातचीत में बताया कि उन्हें रैली में आने के लिए पैसे दिए गए थे.”
“जिनका अस्तित्व ही झूठ की बुनियाद पर टिका हो उनको यह सच कैसे स्वीकार होता. इसलिए भाजपा के गुंडों ने उन्हें पीट दिया ताकि सच को छुपाया जा सके.”
कांग्रेस नेता पप्पू यादव ने ट्वीट कर लिखा, ”रायबरेली में गृह मंत्री अमित शाह की रैली में निर्भीक पत्रकार राघव त्रिवेदी पर बीजेपी वालों ने हमला कर बुरी तरह घायल कर दिया. अस्पताल में उनका उपचार हो रहा है, मैं उनसे मिलने जा रहा हूं. भाजपा में हार की बौखलाहट है. ज़बरदस्त है. भयभीत भाजपा पत्रकारों की पिटाई कर खीज उतार रही है.”
क्या है मामला?

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मीडिया ख़बरों के मुताबिक़ त्रिवेदी ने जो शिकायत दर्ज कराई है उसमें कहा गया है कि उन्होंने बीजेपी कार्यकर्ताओं से रैली में शामिल कुछ महिलाओं के बयानों के बारे में सवाल पूछे थे. इससे नाराज़ कथित बीजेपी कार्यकर्ताओं ने उनके साथ मारपीट की.
त्रिवेदी ने जो शिकायत दर्ज कराई उसमें कहा गया है कि वो अपने साथी के साथ दिल्ली से अमेठी और रायबरेली सीट की ग्राउंड रिपोर्टिंग करने आए थे.
रविवार को वो रायबरेली में केंद्रीय गृह मंत्री और बीजेपी नेता अमित शाह की रैली कवर कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने कुछ महिलाओं से बात की.
राघव त्रिवेदी का दावा है कि इन महिलाओं ने उन्हें बताया कि उन्हें 100-100 रुपये देकर यहां लाया गया है.
त्रिवेदी ने कहा उन्होंने कुछ ऐसे लोगों से भी बातचीत की जो अमित शाह का भाषण ख़त्म होने से पहले वहां से उठकर जा रहे थे.
इस पर वो स्थानीय बीजेपी नेताओं से सवाल करने लगे तो वो नाराज़ हो गए. उन्होंने महिलाओं और भाषण के बीच ही उठकर जाने वाले लोगों की रिकॉर्डिंग डिलीट करने की मांग की.
लेकिन जब त्रिवेदी ने इससे इनकार कर दिया तो बीजेपी कार्यकर्ताओं ने उनके साथ मारपीट की.
पिटाई में घायल त्रिवेदी को ज़िला अस्पताल में भर्ती कराया गया. छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल वहां उनका हालचाल लेने पहुंचे. बघेल ने कहा इसे लोकतंत्र पर सीधा हमला करार दिया.
रायबरेली के सर्किल अफ़सर अमित सिंह ने बताया है कि इस मामले की जांच की जा रही है, अभी तक किसी की गिरफ़्तारी नहीं हुई है.
रायबरेली में क्या है चुनावी माहौल

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रायबरेली सीट से राहुल गांधी कांग्रेस के उम्मीदवार है. वहीं बीजेपी ने योगी सरकार में मंत्री दिनेश प्रताप सिंह को उतारा है.
इस सीट पर 2019 में सोनिया गांधी जीती थीं. उस चुनाव में दिनेश प्रताप सिंह उनसे 1,65,000 वोटों से हारे थे.
माना जा रहा है कि इस बार रायबरेली में बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व वहां पूरा ज़ोर लगा रहा है.
अमित शाह की रैली भी इसी रणनीति का हिस्सा थी. उधर, राहुल गांधी के यहां से चुनाव लड़ने की वजह से भी कांग्रेस ने अपने दिग्गज नेताओं को यहां प्रचार में उतार दिया है.
पत्रकारों के ख़िलाफ़ बढ़ रहे हैं हिंसा के मामले
भारत में हाल के दिनों में पत्रकारों के साथ मारपीट या हमले की कई घटनाएं हुई हैं.
न्यूयॉर्क के पोलिस प्रोजेक्ट के मुताबिक़ भारत में 2019 से लेकर अगस्त 2021 तक 228 पत्रकारों के साथ हिंसा हुई थी.
कई पत्रकारों को उनके रूटीन काम के दौरान मारा-पीटा गया. कइयों के साथ उनकी रिपोर्ट और सवालों की वजह से हिंसा हुई. कुछ पत्रकारों पर मुक़दमे भी किए और कुछ को जेल भी भेजा गया.
वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स की 2024 की रिपोर्ट के मुताबिक़ 180 देशों के बीच भारत की रैंकिंग 159वें नंबर पर है.