राजस्थान

सीजेआई ने बीकानेर में ई-कोर्ट सुविधा की घोषणा की, अदालतों में सरल भाषा के इस्तेमाल पर दिया जोर

  • सीजेआई डी.वाई चंद्रचूड ने कहा कि किसी भी न्यायालय में फैसला स्थानीय और सरल भाषा में होना चाहिए।

  •  जयपुर
  •  भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई चंद्रचूड ने कहा कि देश के किसी भी न्यायालय में फैसला स्थानीय और सरल भाषा में होना चाहिए। यह कहना गलत होगा कि भारतीय संविधान को सिर्फ वकीलों ने बनाया है। इस संविधान को बनाने में कई सामाजिक और राजनीतिक आंदोलनों का योगदान था। लोकतंत्र और संविधान के बीच संबंध है। संविधान की समझ लोकतंत्र की समझ को भी विकसित और पोषित करती है।
  • यह बातें उन्होंने शनिवार को बीकानेर में भारत सरकार के न्याय मंत्रालय की ओर से आयोजित कार्यक्रम ‘हमारा संविधान-हमारा सम्मान’ अभियान को संबोधित करते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि देश में समानता को बनाए रखने के लिए आपसी भाईचारा आवश्यक है, अगर लोग आपस में एक-दूसरे से लड़ेंगे तो देश आगे कैसे बढ़ेगा। हमें संविधान की भावना के अनुरूप एक-दूसरे के प्रति आदर का भाव रखना चाहिए। देश के नागरिकों को यह समझना होगा कि एक तरफ जहां संविधान उनके अधिकारों की बात करता है। वहीं दूसरी तरफ यह भी उम्मीद करता है कि देश के नागरिक अपने दायित्वों का निर्वहन करें।
  • उन्होंने बताया कि बीकानेर में ई-न्यायालय फेज-थ्री की सुविधा प्रारंभ की जाएगी। बीकानेर में बसे हुए वकील अब बीकानेर से ही न्यायालय में पैरवी कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि अक्सर मैं देखता हूं कि कई लोग अपने कनिष्ठ को सम्मान की दृष्टि से नहीं देखते हैं। अपने चालक से सही तरह से बात नहीं करते हैं। सफाई करने वाले को हीन भावना से देखते हैं। कोई भी व्यक्ति पद से छोटा हो सकता है। लेकिन उस व्यक्ति की भी उतनी ही गरिमा है, जितनी की हमारी है।

    केंद्रीय विधि मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा, देश के मुख्य न्यायाधीश की बीकानेर यात्रा बड़ा इतिहास बन गई है। उन्होंने कहा, सस्ता व सुलभ न्याय उपलब्ध करवाना प्राथमिकता होनी चाहिए।

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